जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अशोक गहलोत ने मौसमी बीमारियों, महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और बढ़ते अपराध को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। गहलोत ने अपने सरकारी निवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश मौसमी बीमारियों की चपेट में है, लेकिन सरकार इलाज की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। स्वाइन फ्लू, डेंगु, मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ जीका तेजी से फैल रहा है। मौसमी बीमारियों से 232 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है।
जीका वायरस के फैलने से राजधानी जयपुर में हड़कम्प मचा हुआ है। अनुमानत: 500 से अधिक मरीज जीका के है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा है। गांव, गरीब एवं किसान सरकारी उपेक्षा के कारण परेशान और बेबस है। भाजपा सरकार के दौरान राजस्थान में पहली बार उपज के सही मूल्य नहीं मिलने और कर्ज के दबाव के कारण किसानों को आत्महत्या के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार द्वारा आचार संहिता लागू होने के एक घंटे पहले किसानों के लिये की गई मुफ्त बिजली की घोषणा का कोई औचित्य नहीं रह जाता। आदेश में बिजली बिलों पर जो सब्सिडी दी जायेगी वो किसानों को मिल ही नहीं सकती. क्योंकि अधिकतर कनेक्शन संयुक्त नाम से है और लाखों की संख्या में कनेक्शनधारी किसानों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया गया है। असल में किसानों का कर्ज माफ तो यू.पी.ए. के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी द्वारा किया गया था, जिसमें किसानों के बहत्तर हजार करोड़ रूपये के कर्ज माफ किये गये थे।
भाजपा शासन में अब तो पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं है। लूट के आरोपी पर कार्रवाई के दौरान फतेहपुर शहर के कोतवाल मुकेश कानूनगो और एक कॉन्स्टेबल को गोली मारकर हत्या कर दी गई। शेखावाटी में अपराधियों द्वारा अनेकों बार गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया गया।
गहलोत ने आरोप लगाया कि धौलपुर में पुलिस और बजरी माफिया के बीच मुठभेड़ हुई। बजरी माफियाओं को रोका तो फायरिंग करते हुए पुलिसकमिज़्यों पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया। दौसा में भी अवैध खनन रोकने गई टीम को बंधक बनाकर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।
दलितों पर उत्पीडऩ की घटनायें बढ़ी है। इन वर्गों के प्रति अधिक अपराध हो रहे है। हाल ही में चूरू जिले के सातड़ा गांव में दलित युवक आशाराम मेघवाल के साथ मारपीट कर हत्या कर दी गई।
पैट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही है। जिससे महंगाई में हो रही बेतहाशा वृद्धि से आमजन त्रस्त है। सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। राज्य के 122 विभागों से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल को आचार संहिता की प्रतीक्षा में लटकाये रखा और इसकी आड़ में उसे कुचल दिया गया। राज्य कर्मचारी सरकार के अंग है। उनकी समस्याओं पर संवेदनशीलता से विचार कर उचित निणज़्य लेना सरकार की जिम्मेदारी है। कांग्रेस सरकार बनने पर हम कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेंगे।