जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जयपुर में आयोजित चुनावी कार्यशाला में भाग लिया। अशोक गहलोत ने कहा कि ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। चुनाव का इंतजार जनता कर रही है। और ये चुनाव खाली हमारा अपना नहीं है बल्कि देश की तकदीर का फैसला करने का चुनाव है। पिछले चुनावों में हम लोगों ने बहुत कोशिश की। गुजरात के अंदर चुनाव हुए थे 2012 के अंदर तब से ही मोदी जी ने इस बारे में बात चलाई गई कि यहां जीतेंगे तो अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। फिर उनको बीजेपी ने घोषित कर दिया अपना कैम्पेन कमेटी का चैयरमेन मार्च 13 में और सितम्बर आते-आते कह दिया कि ये हमारे प्राईम मिनिस्टर के उम्मीदवार हैं। उसी रूप में उन्होंने कैम्पेन किया राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मिजोरम में। दिल्ली और राजस्थान में चुनाव हम हार गये और एमपी और छत्तीसगढ़ में उनको फायदा मिल गया कि मोदी ही प्राईम मिनिस्टर बनेंगे। तो वो माहौल आप सबको मालूम है।

उस माहौल में झूठे वादे किये गये, अच्छे दिन आने की बातें की गई। क्या-क्या नहीं कहा गया, ब्लैकमनी लेकर आयेंगे, रोजगार देंगे, सब कुछ कह दिया गया। और भी लम्बी-चौड़ी बातें हुई। पर अब जो है हालात बदल गये हैं। अब पुनः चुनाव का वो ही वक्त आ गया है दिल्ली को छोड़कर के राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तसीगढ़ में चुनाव जीतते हैं, मिजोरम में जीतते हैं हम लोग तो जो स्थिति उस वक्त बनी थी असेम्बली चुनाव के बाद में उससे शानदार स्थिति बनेगी, कांग्रेस की बनेगी, आपकी बनेगी और पूरे देश के अंदर ये मैसेज जायेगा और लोकसभा चुनाव में जो मेहनत की जा रही है राहुल जी द्वारा, जहां जहां भी चुनाव हुए हैं गुजरात में, पंजाब में हुए हैं, कर्नाटक में हुए हैं तो मैं समझता हूं कि इन चुनावों के बाद में आप देखोगे कि पूरे देश के अंदर आप बहुत दमदार हैं। इसीलिए मोदी जी ये बात उठाते हैं कि चुनाव साथ में होने चाहिए, राज्यों के और लोकसभा के। ये नेशनल डिबेट के रूप में चल रहा है। और यह जेहन में रखें आप भी, कुछ भी संभव है। इन लोगों का बस चल गया तो वे खुद ही फैसला कर देंगे। इन हालातों में आज हम सब यहां बैठे हुए हैं। कैसे हम अगला चुनाव राजस्थान में जीतें और चार राज्यों में भी राजस्थान सिरमौर रहे। यह हमारे लिए गौरव और गर्व की बात होनी चाहिए।
पूरे देश के अंदर यह बात फैल चुकी है कि राजस्थान में सरकार बनेगी ही बनेगी कांग्रेस की। 21 पर आ गई थी हमारी पार्टी, फिर 24 पर चली गई। डूडी जी ने असेम्बली के अंदर, पायलट जी ने असेम्बली के बाहर, धरनें दिये हो, प्रदर्शन किये हों। कम संख्या के बावजूद असेम्बली के अंदर एकजुट रहे विधायकगण भी। और मैं समझता हूं कि सरकार सब मुद्दों को भूल गयी। किसान का था, गरीब वर्ग का था, आदिवासियों का था, युवाओं का था, अन्याय का था, अत्याचार का था, उत्पीड़न का था, क्या नहीं हो रहा राजस्थान में। ये हवा ऐसे ही नहीं बनी है चार साल की जो हवा बनी है उसके पीछे आप सबकी मेहनत है। हमारे पत्रकार मित्र कहते हैं कि क्या भूमिका निभाई कांग्रेस ने। मैं उनको कहता हूं कि हमारा विश्वास हिंसा में नहीं है तो आप लोगों की न्यूज नहीं बनती है, आप देखते हो कि कांग्रेस ने क्या किया। मैं कहना चाहूंगा कि ये माहौल कैसे बना। एक तरफ तो कुशासन और एक तरफ हमने हर मुद्दे को सामने रखा, जनता की भावनाओं को लेकर। अब जो हालात देश में हैं वो चिंता के हैं। आप सब हमारे कर्मठ लोग बैठे हुए हैं मैं उनसे शेयर करना चाहूंगा बहुत गंभीर हालात है देश में। मैंने अपनी जिंदगी के अंदर ऐसा माहौल कभी नहीं देखा। रेप हो रहे हैं 4 साल, 6 साल, 12 साल की बच्चियों के साथ। ये हालात क्यों हुए? जब अगर ऐसे तत्वों को लगे कि ऐसा माहौल बना है कि उसमें कोई हमारा बिगाड़ नहीं सकता, बच जायेंगे, तब जाकर हिम्मत बढ़ती है, हौसले बढ़ते हैं, लिचिंग करने के। एक जिंदा इंसान को मार दो आप, भ्रम के अंदर कि गायों की तस्करी कर रहा है। आप कल्पना करें एक इंसान मर जाये तो उसके घर पर क्या बीतती है। ये माहौल क्यों बना। प्रधानमंत्री जी के मुंह से एक बार निकला, ये तो असामाजिक तत्व हैं। प्रधानमंत्री ने कहा अगर उनका इकबाल कायम रहता तो ये घटना बाद में नहीं हो सकती थी। समझ जाते कि प्राईममिनिस्टर ने कहा है। सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि लोकसभा में कानून बनना चाहिए लिचिंग को लेकर आप इस प्रकार हत्या नहीं कर सकते, सड़क पर खड़े होकर के। वो कानून कब बनेगा, पता नहीं? राहुल जी बार-बार कह रहे हैं कि मोदी जी की सरकार के आने के बाद क्यों हो रहा है, कोई जवाब मोदी जी दे नहीं रहे हैं। मोदी जी विपक्ष का सम्मान करना जानते नहीं, वो आपने देखा होगा। कोई मुद्दा उठाओ। राहुल गांधी जी ने राफेल डील का मुद्दा उठाया कोई जवाब नहीं आया। अमित शाह जी के लड़के ने 50 हजार रुपये 80 करोड़ में बदल दिये, कोई जवाब नहीं आया। ये स्थिति देश में लोकतंत्र की जो साख रही है आज तक। कांग्रेस ने 70 साल में जो दूरी तय की है देश में। आज आधुनिक भारत कांग्रेस की देन है। मोदी जी कहते हैं कि उन्होंने 18 हजार गांवों में बिजली दी। 6 लाख गांव हैं। 5 लाख 82 हजार गांवों में बिजली किसने पहुंचाई। 18 हजार को आप गिना रहे हो बाकी गांवों में बिजली किसने पहुंचाई। ये जिस प्रकार असत्य बोलकर राजनीति कर रहे हैं। जुमले बोलकर राजनीति कर रहे हैं। युवाओं को दो करोड़ रोजगार देंगे, ब्लैक मनी लायेंगे, 15 लाख खाते में जायेंगे, अच्छे दिन आयेंगे और जितनी उन्होंने घोषणाएं की हैं वो धरातल पर आई नहीं है। आज पूरे मुल्क में कौनसी सिटी स्मार्ट सिटी बन गई है। आज वो कह सकते हैं कि मेम्बर पार्लियामेंट को दिये गये गांव, उनके खुद के क्षेत्र में विकास नहीं हुआ। सारी स्कीमें इनकी फैल हो चुकी हैं। आर्थिक रूप से हम बरबाद हो चुके हैं, जीडीपी बताती है आपको। दूरियां बढ़ गई है जातियों और धर्म के नाम पर। हमारी उपलब्धियों को नाम बदलकर के बताया जा रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह जी के वक्त में, सोनिया गांधी जी के वक्त में 10 साल की उपलब्धियां कम नहीं है। ये तो षड़्यंत्र करके, सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा प्रचार किया गया कि पता नहीं..। अब पांच साल हो गये, उनका क्या हुआ।?
ये जो एप्रोच है मोदी जी की ये बहुत खतरनाक है। विपक्ष को, कांग्रेस जो राष्ट्रीय पार्टी है उसके नेताओं के प्रश्नों का जवाब ही नहीं दो। जैसे परवाह नहीं कर रहे हैं तो समय आने पर जनता जवाब देगी। एक मौका था मोदी जी के सामने अभी, हाउस के अंदर, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जब राहुल जी ने कहा कि देश के अंदर नफरत की, घृणा की, संवेदनहीनता की जो स्थिति बनी है। हिंसा की स्थिति बनी है। और आरएसएस, बीजेपी की विचारधारा जो है वो उनको प्रेरित करती है प्रोत्साहन देती है और मैं चाहता हूं कि देश में प्रेम से, मोहब्बत से, प्यार से भाईचारे से राजनीति हो। हिंसा से राजनीति नहीं हो, अहिंसा से हो। वो अपने दिल की बात कह रहे थे और दिल की बात कहते-कहते भावुक होकर चले गये प्रधानमंत्री जी के पास। मैंने देखा गुजरात में भी जब वो बोलते हैं, इंटरेक्शन करते हैं, जैसे आप बैठे हुए हो, तो एक महिला टीचर थी तो राहुल जी एकदम कूदकर उस महिला के पास चले गये, सांत्वना के लिए गले लगा लिया उनको। मैं पूछना चाहूंगा मोदी जी को, मोदी जी, राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष अगर वो चलाकर आपके पास आया था, आपके गले मिला था, हमारी संस्कृति में क्या है नमस्कार, प्रणाम, गले मिलना। त्यौहार पर लोग गले क्यों मिलते हैं, इससे दिल से दिल मिलता है। दिल मिलने का मतलब है कि पुराने गिले शिकवे भूलो और नया चैप्टर शुरू करो। वसुंधरा जी जीत गई चुनाव, मैं उनके शपथ ग्रहण समारोह में गया तो मैं जितने भी मुख्यमंत्रीगण वहां बैठे हुए थे उन सबसे मिलने मैं आगे गया, प्रकाश सिंह बादल भी थे, शिवराज सिंह भी थे, रमन सिंह जी भी थे आडवाणी जी और राजनाथ सिंह जी भी थे। और मैं गया तो मोदी जी मेरे गले मिले और मैं अपने हाथ यों रखूं कि ये क्या हो गया। आपने देखा होगा वो फोटो। अब बताओ मैं वहां से कहूं कि मोदी जी मेरे गले पड़ गये, अच्छी बात है? मोदी जी के बारे में देश-दुनिया क्या जानती है। गुजरात के दंगों को कोई भूल नहीं सकता, वो कलंक मिटा नहीं सकते जिंदगी में मोदी जी। जिसके लिए वाजपेयी जी को कहना पड़ा कि ये मानवता पर कलंक है, क्या मुंह लेकर जाउंगा मैं दुनिया के मुल्कों के अंदर, क्या कहूंगा उनको कितना बड़ा कलंक लग गया मानवता पर। अब बताओ राहुल गांधी जी का जाना उनके पास में और गले लगाना, इतिहास की बहुत बड़ी घटना होती अगर मोदी जी खड़े होकर गले मिलते, प्यार से मोहब्बत से। वो नहीं मिले कि ये क्या हो गया, ये मेरी कुर्सी छीनने आया है। घबरा गये। राहुल जी ने कहा हाउस के अंदर कि मैं चाहता हूं आप सब बैठे हुए बीजेपी के लोग वो भी कांग्रेस की तरह सोचो। उसके मायने यह था कि कांग्रेस जो सोचती है प्यार से मोहब्बत से, विश्वास से, अहिंसा से, ऐसी सोच आप सबकी बदलकर रहूंगा।
ये कहने के बाद गये थे वो। एक इंसान चाहे बदल पाये या नहीं बदल पाये, ये अलग बात है। परंतु एक इंसान सोचता है कि मैं आप सब लोगों के विचारों को जो हिंसा, बदले की भावना, उस पर यकीन करते हो, ये लव जिहाद जो कुछ भी आते हैं, गाय के नाम पर राजनीति करते हो उन सबको मैं लाउंगा, कांग्रेस की सोच की तरफ और फिर जाकर के गले मिल रहे हों, उसके बहुत बड़े मायने होते हैं। पर वो अवसर मोदी जी चूक गये। चूक गये, जिंदगी भर पछतायेंगे, मैं कह सकता हूं आपको। ये स्थिति जब इस मुल्क में बनी हुई हो, दुश्मन समझ रहे हों विपक्ष को, जैसे वसुंधरा जी ने सोच रखी हुई है, वही सोच मोदी जी की है। वसुंधरा जी से पहले राजस्थान के अंदर भैरोसिंह शेखावत साहब थे मुख्यमंत्री। वो 32 पर आ गये। मैं मुख्यमंत्री बना, 156 सीटें आई थी। हमारे तमाम मंत्री जो उनके जमाने के थे उनके घर जाते थे कई बार। हाउस में मिलते, बाहर मिलते। होली-दिवाली मैं उनके घर चला गया, वो मेरे घर आ गये। कोई संबंध ऐसे थे ही नहीं कि कोई दुश्मन हो। और तो और डिरेलमेंट हो गया था ट्रेन का सुमेरपुर के पास में, सरकार बनी ही थी हमारी। उनको मालूम पड़ा मैं जा रहा हूं तो उन्होंने कहलवाया मैं भी साथ चलूंगा। वो मेरे साथ चले, सिरोही और सुमेरपुर। आप कल्पना करो वो टाईम भी था और आज एक टाईम यह भी है। ऐसा कुशासन कभी देखा ही नहीं। जनता पूछती है कि हमारा कसूर क्या है। हमने आपको 163 सीटें दी। आपने हमें धोखा दिया, निराश किया। इसलिए आज ये हवा चल पड़ी है। पर जैसा उनका धनबल है, जैसी उनकी सोच है पचास-सौ करोड़ खर्च कर दो। प्राईम मिनिस्टर को बुलाओ, जो लाभान्वित हुए उनका प्रोग्राम कर रहे हैं आप। अरे वो तो लाभान्वित हो चुके हैं हालांकि प्रोग्राम के नाम पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को ढोकर लाया गया यहां पर 50-100 करोड़ खर्च कर दिये। अगर प्रोग्राम करना ही था तो उनका करते जिनको लाभ नहीं मिला है। भाषण हो रहे बीजेपी के, नेताओं के थे, गवर्नर साहब बैठे हुए थे।
गर्वनर साहब को उठके चले जाना चाहिए था कि ये तो आपकी बीजेपी की मीटिंग है। जिस प्रकार की वसुंधरा जी की सोच रही है, जो रिसर्जेंट राजस्थान किया था पहले तब मैंने कहा था कि आपने 100 करोड़ तो खर्च कर दिये, ये बड़े-बड़े उद्योगपतियों के स्नेह मिलन के अलावा कुछ नहीं है। कोई इन्वेस्टमेंट नहीं आने वाला। वो बात सही साबित हुई है।
इसलिए मैं आपको ये कहना चाहूंगा कि कृपा करके ये चुनाव जो है, वास्तव में सोशल मीडिया का बहुत महत्व बढ़ गया है। आप सब लोग स्वयं इससे जुड़ें, 10-15 दिन में आपका इंटरेस्ट क्रिएट हो जायेगा, जिन लोगों को इंटरेस्ट नहीं है। या आपके घर में आपके नौजवान बच्चे हों, वो भी कर सकते हैं और हर कांग्रेस के परिवार को जुड़ना चाहिए इससे कोई न कोई ग्रुप के माध्यम से। सोशल मीडिया में एक्टिव होना चाहिए। उनके पास इतने साधन हैं, आपके पास साधन नहीं है। रात दिन का फर्क है। एक और सौ का फर्क है।
नोटबंदी कैसे हुई, क्यों हुई? उसके पीछे क्या राज है? आज तक राज ही बना हुआ है। आप भी बैंकों में गये होंगे कभी, एक रुपया भी कम हो तो बैंक वाला जमा नहीं करता। और शाम तक मालूम पड़ जाता है कि कुल कितना पैसा बैंकों में जमा हुआ है। आरबीआई के पास जाता है। आप बताईये पार्लियामेंट में जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि कितना पैसा मार्केट में था और कितना जमा हुआ है? जितना था उससे अधिक आ गया। इसका मतलब फेक करेंसी थी, नकली नोट थे, आतंकवादियों के काम आते थे। कहा कि आतंकवाद मिट जायेगा इससे, मिटा नहीं। सारी फेक करेंसी वो तमाम जमा हो गया, व्हाईट मनी के रूप में। आज हर जिले में इनके बड़े-बड़े ऑफिस बन रहे हैं। हर जिले में देश के अंदर बड़ी-बड़ी जमीनें लेना। सरकार का मिसयूज करके सस्ते में लेना। बड़े बड़े भवन खड़ा करना। आरएसएस के वाईस चांसलर, बड़े-बड़े अपाइंटमेंट होना, यूजीसी हो, प्लानिंग कमीशन हो को समाप्त करना। उनका एजेण्डा आरएसएस का इतनी तेज गति से चल रहा है, कांग्रेसजनों को उसको समझना चाहिए।
इसलिए मैंने कहा चुनाव खाली हमारा अपना नहीं है। हम राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, ये चुनाव देश के भविष्य का है। इंदिरा जी 78 के अंदर जब सत्ता से बाहर हो गई थी, कांग्रेस (आई) बनाई थी, 1 जनवरी, 78 को। पहला प्रोग्राम राजस्थान में जयपुर में 15 जनवरी को किया था। इतना आपके बारे में कांग्रेस हाईकमान के मन में सम्मान है, यहां के कार्यकर्ताओं के बारे में, यहां के नेताओं के बारे में। कई बार मीडिया वाले पूछते हैं कि आपके यहां गुटबाजी चलती रहती है, झगड़े होते रहते हैं, मैंने कहा हमारे यहां झगड़े नहीं होते, झगड़ै आप लोग करवाते हो। कुछ हमारे मीडिया के साथियों का काम ही यही है। इधर की बात उधर, उधर की बात इधर करना। और जो पीसीसी प्रेसीडेंट बनता है, उसको सीधा आते ही 5-7 दिन में मुख्यमंत्री बना देते हैं। मैंने कहा सचिन पायलट जी को जब मुझसे मिलने आये थे दिल्ली में अध्यक्ष बनने के बाद में, मैंने कहा कि ध्यान रखना, मैं उनके झांसे में नहीं आया इसलिए मुख्यमंत्री बन गया हूं। जो पीसीसी अध्यक्ष बनता है उसको मुख्यमंत्री बना देते हैं 5-10 पत्रकार, 4-5 उनके चाटुकार। वो फिर जो काम करना चाहते हैं वो काम हो नहीं पाते। इसलिए मैंने कहा सबसे कम कहीं गुटबाजी होगी तो राजस्थान में होगी। कोई झगड़ा नहीं है हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। मीडिया वाले अखबार में खबरें देते रहंेगे। आपको मैं आह्वान करने के लिए खड़ा हुआ हूं कि कृपा करके आप एक ही बात दिमाग में रखो कि हमें अगली सरकार कांग्रेस की बनानी है और कुछ नहीं करना।
अपना बूथ अपना गौरव का प्रोग्राम बहुत शानदार हो गया। करीब-करीब तमाम क्षेत्रों में हो गया। विपक्ष वाले अपनी यात्रा निकालेंगे, आप भी प्रोग्राम अपना बनाओ। पर दिमाग में रखो टिकट सबको नहीं मिलेंगे। जिनको नहीं मिलेंगे उनका भी ध्यान रखने का राहुल जी का बड़ा एजेण्डा है, ये मैं दावे के साथ कह सकता हूं। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षगण बैठे हुए हैं। उनको मैं कहना चाहूंगा कि आप अपनी भूमिका निभाओ। आपके जिले में आप क्या सोचते हो। राहुल जी खुद चाहते हैं, उनका बस चले तो वो सेंट्रल इलेक्शन कमेटी है, उसमें जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को बुलाकर बिठा देवें, जब जिले की बात हो तो, ये उनकी सोच है। कहने का मतलब है आप दिमाग में रखो आने वाले वक्त में कुछ भी हो सकता है।
मैंने एक बात सीखी है गुजरात के अंदर, कोई अगर टिकट मांगता भी है, आपको आश्चर्य होगा, गुजरात में मैंने देखा है कि उनसे जब पूछा जाता है कि तुम्हें नहीं मिले तो बताओ कौन ठीक हो सकता है तो वो बाकायदा नाम बताता है। हमारे यहां ये स्थिति नहीं है। ये बहुत बड़ी बात मैंने वहां पर सीखी है। इसको शुरू करो, ईमानदारी से कहना कि अगर मैं नहीं तो ये ठीक रहेगा, इतनी सही एडवाईज दोगे आप हमारे नेताओं को, डूडी साहब को, पायलट साहब को, पाण्डे जी को, शैलजा जी को। मैं समझता हूं कि ये भावना होनी चाहिए, सरकार लानी है, राजस्थान से शुरूआत करनी है तब जाकर दिल्ली में हम कामयाब होंगे। ये दिमाग में रखो और मोदी जी भी चाहते हैं कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में हार रहे हैं वो बुरी तरह से तो चुनाव साथ कैसे करायें, चुनाव साथ हों तो फायदा मिल जाये। इस माहौल में हम चल रहे हैं इसलिए मैं आप सबका आह्वान करना चाहूंगा, मुझे कांग्रेस का काम दिया गया है दिल्ली में, वो काम अलग तरह का काम है, ज्यादा वक्त लगता है मुझे वहां पर लेकिन मेरा पूरा सहयोग समर्थन यहां भी रहेगा। मैं आपको कहना चाहूंगा कि ये जो माहौल बना है आप दिमाग में रखो कि पाण्डे जी, पायलट जी, डूडी जी, जितने भी हमारी कमेटी हैं, उन सबमें मेरा पूरा सहयोग है। मुझसे सलाह लेते हैं, कोई गुटबाजी नहीं है परंतु कुछ तो मीडिया, कुछ मीडिया के उपर के दबाव, यह आधा काम तो बीजेपी के नेता खुद कर रहे हैं। इन सबसे हमारे कार्यकर्ताओं को, नेताओं का ये फर्ज बनता है, धर्म बनता है। ये धर्मयुद्ध है, देश हित के अंदर, इसमें हमें हमारे पर्सनल ईगो, अहम्, घमण्ड छोड़ना पड़ेगा हमें, व्यक्तिगत स्वार्थ छोड़ने पड़ेंगे। इसी कीमत पर हम राजस्थान के चुनाव जीतें, ये हमारा संकल्प होना चाहिए तब जाकर के हम कामयाब होंगे।