जयपुर। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफे के बाद अटकलों का बाजार गरमा गया। सुबह से ही इस्तीफे की चर्चा रही, लेकिन पार्टी या कोई पदाधिकारी इसकी पुष्टि करने से बचता रहा। दोपहर में अपने आवास पर अशोक परनामी ने मीडिया से मुताखिब होते हुए कहा कि उसने इस्तीफा भेज दिया है। यह इस्तीफा मैंने सोलह अप्रेल को ही दे दिया था। अभी तक मंजूर हुआ या नहीं, इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। परनामी ने यह भी कहा कि निजी व्यस्तताओं के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है। वे अनुशासित भाजपा कार्यकर्ता रहे है और आगे भी पहले की तरह कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाने पर परनामी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस जिम्मेदारी का पूरा निर्वहन करेंगे। परनामी ने उप चुनाव में हार को लेकर बयान दिया कि हार के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं होती है। मैं इन हार की जिम्मेदारी लेता हूं। इस्तीफा भेजने के बाद परनामी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी बात की थी। आज इस्तीफे की चर्चाओं और पुष्टि के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंचे। केबिनेट मंत्री राजेन्द्र राठौड़ व दूसरे मंत्रियों व नेताओं ने भी उनसे चर्चा की। गौरतलब है कि राज्य की अलवर और अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट में पार्टी की करारी हार के बाद से ही अशोक परनामी के इस्तीफे की चर्चा चल रही थी। इन हार के बाद पार्टी के अंदरखाने विरोध तेज हो गया था।
कुछ नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर भी प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी, ज्ञानदेव आहूजा समेत अन्य नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व और राज्य सरकार पर हार का ठीकरा फोडते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं व जनता की सुनवाई नहीं हो रही है। केन्द्रीय नेतृत्व ने भी रिपोर्ट मंगवाई तो हार के लिए सरकार और पार्टी की नीतियों को जिम्मेदार माना। इसी के चलते अशोक परनामी को हटाया गया है। वे फरवरी, 2014 से अध्यक्ष है। परनामी के इस्तीफे के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कोटा से सांसद ओम बिड़ला प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। पीपी चौधरी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सतीश पूनिया, कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी और पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे भी दौड़ में हैं।