-आरपीएफ थाना गंगापुरसिटी में 8 साल पहले रिश्वत लेने का मामला,कोर्ट ने दोषी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही के दिये आदेश
जयपुर। रेलवे की सम्पत्ति को नष्ट/नुकसानित किये जाने के संबंध में आरपीएफ थाना गंगापुरसिटी में दर्ज हुए मुकदमें 33०/2०1० में मदद करने की एवज में 5 जून, 2०1० को एक आरोपी के भाई से 35 हजार रुपए की रिश्वत लेने के अपराध में गिरफ्तार किये गये तत्कालीन एएसआई हरिप्रकाश शर्मा निवासी गांव-महुअर-अछेनेरा, किरावली-आगरा, यूपी को सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 में जज हेमराज गौड ने तीन साल की सश्रम जेल एवं एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।
थाने के रोजनामचे में फर्जी तथ्य अंकित करने एवं कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर कानून एवं नियमों का उल्लंघन करने वाले आरपीएफ के तत्कालीन थानाधिकारी इरफान मंसूरी एवं थाने में दर्ज प्रकरण के जांच अधिकारी आर के शर्मा के खिलाफ विधिक कार्यवाहियां करने के लिए कोर्ट ने आदेश की प्रति वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, कोटा को भ्ोजने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने ट्रेप मामले में दूषित अनुसंधान करने वाले सीबीआई के जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए आदेश की प्रति सीबीआई एसपी को भेजी है। कोर्ट ने सीबीआई को ट्रेप में जब्त 35 हजार रुपए जो प्रचलन से बाहर हो गये है, को बदलवाकर परिवादी को लौटाने को कहा है।
सीबीआई वकील नृपेन झारेडा ने कोर्ट को बताया गया कि रमाशंकर सिंह निवासी अंध्ोरी ईस्ट-मुम्बई ने 5 जून 2०1० को सीबीआई को रिपोर्ट दी थी कि आरपीएफ के गंगापुर सिटी थाने में उसके भाई प्रभाशंकर सिंह सहित अन्य के खिलाफ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। अभियुक्त ने प्रकरण में सहायता करने के बदले 35 हजार रुपए रिश्वत मांगी। सीबीआई ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त हरिप्रकाश और एएसआई श्रीकृष्ण शर्मा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। बाद में आईओ ने श्रीकृष्ण को गवाह बनाते हुए केवल हरिप्रकाश के खिलाफ चालान पेश किया। कोर्ट में हुई साक्ष्य में कोर्ट ने माना कि परिवादी से रिश्वत की राशि थानाधिकारी इरफान मंसूरी ने मांगी थी। जांच अधिकारी ने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया। सीबीआई कार्यवाही को निष्फल करने के उद्देश्य से रोजनामचे में आगे के समय का फर्जी तथ्य अंकित किये जा रहे थ्ो। जिसके लिए एसएचओ जिम्मेदार था।