जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कल जोधपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने वाला बयान देने की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि देश में इस समय देशहित और परिवार हित का संघर्ष है। डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब परिवार विशेष की भक्ति छोड़ कर जनहित के बारे में भी सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं अशोक गहलोत को याद दिलाना चाहूँगी कि आपातकाल का वह समय भी याद कर लें जब देश के लिए समर्पित आमजनता 24 महीनों तक जेल में रहकर भी झुकी नहीं थी और उसी पतित पारिवारिक वैचारिकता को आगे बढ़ाते हुए कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस तरह की धमकी दी है जो यह स्पष्ट कर रही है कि कांग्रेस का लोकतंत्र में नहीं निरंकुशता में ही प्रबल विश्वास है।
डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि जनता को भ्रमित करने के लिए राहुल गाँधी ने 10 दिन में अन्नदाता किसान की सम्पूर्ण कर्जमाफी का वादा किया था तथा बेरोजगारों को 3500 रूपये महीना बेरोजगारी देने की भी बात कही और अब जब भोली-भाली जनता उन वादों के बारे में क्रियान्वयन चाहती है, तब मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से इस तरह का धमकाने वाला बयान देते हैं जो कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थोथी बयानबाजी से ऊपर उठकर बेरोजगारों से किए गए वादे को तुरन्त पूरा करें और अन्नदाता किसान के सम्पूर्ण कर्जमाफी की प्रक्रिया को तुरन्त प्रभाव से पूरा करें तथा राजस्थान की जनता की भावनाओं के अनुरूप कार्य करें।
डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि पूरी कांग्रेस, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी भी सुन लें कि भारतीय जनता पार्टी व्यक्तिवाद में नहीं बल्कि राष्ट्रवाद में विश्वास करती है और भाजपा का कार्यकर्ता निजी हित को वरीयता नहीं देकर राष्ट्र के लिए निस्वार्थ समर्पण हेतु हमेशा तैयार रहता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से ऐसा लगता है कि सरकार घबराहट में है और जनता को धमकी देकर डराने का काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता इस तरह की थोथी धमकी से नहीं डरने वाला। जनहित के मुद्दे पर हम जेल जाने को ही नहीं, बल्कि लाठी-गोली खाने को भी तैयार हैं। अभी भी समय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिवार विशेष की परिक्रमा से ऊपर उठकर जनहित और राजस्थान के बारे में सोचना शुरू करें अन्यथा जनता स्वयं समझा देगी।