जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलेट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति समेत कमजोर वर्गों की जातियों पर अत्याचार और उत्पीडऩ की घटनाओं में खासी बढ़ोतरी हुई है। दोनों नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दलित उत्पीडऩ की एक याचिका को निस्तारित करते हुए जो टिप्पणी की है वो राज्य सरकार के लिए शर्मनाक है। सरकार की विफ लता के कारण ही सर्वोच्च न्यायालय ने कानून की सख्ती से पालना कराने, केन्द्रीय आयोग को अपना दायित्व निभाने, राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण को एससी-एसटी वर्ग में जागरूकता व नि:शुल्क विधिक सहायता के लिए कार्ययोजना तैयार करने के आदेश दिए हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उत्पीडन के मामले में राजस्थान देश में शीर्ष स्थान पर है, जो सबके लिए चिन्ता का विषय है। डेल्टा प्रकरण में राज्य सरकार अब तक सीबीआई जांच तक नहीं करवा पाई। दलितों एवं आदिवासियों पर होने वाले अत्याचारों पर काबू पाने में भी भाजपा सरकार विफ ल रही है। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की कार्यशैली दलित विरोधी रही है। सरकार के तीन साल के जश्न की निंदा करते हुए सचिन पायलेट कहा कि जहाँ प्रदेश की जनता इतनी तकलीफ झेल रही है। किसान आत्म हत्या कर रहे है। अत्याचार बढ़ता जा रहा है। गरीब एवं मज़दूर परेशान है, वहाँ की सरकार को जश्न मनाने की बजाय जनता को राहत पहुँचाने को प्राथमिकता देनी चाहिए।