जयपुर। राजस्थान के उदयपुर में पुलिस का घिनौना चेहरा सामने आया है। यहां एक आदिवासी विवाहिता और उसके माता-पिता के साथ पुलिसकर्मियों ने तय नियमों के विपरीत कृत्य किए। जबरन चौकी में रखा। यहीं नहीं विवाहिता के साथ एक कांस्टेबल ने रेप का प्रयास किया और छेड़छाड़ की। स्थानीय विधायक और लोगों को घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने हंगामा किया। मामला बढ़ता देख आला अधिकारियों ने मामले में दोषी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। वहीं थानाधिकारी और एएसआई को लाइन हाजिर करके जांच के आदेश दिए हैं। उधर, इस मामले से सियासत भी तेज हो गई है। उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी ट्वीट करके इस घटना को लेकर राजस्थान सरकार पर हमला बोला है।
मामले के अनुसार पानरवा थाना की डैया चौकी के एएसआई राजकुमार, कांस्टेबल जितेन्द्र कुमार पांच साल पहले लापता हुई एक युवती के मामले की जांच कर रहे थे। पुलिस ने शक के आधार पर एक विवाहिता व उनके माता-पिता को थाने बुलाया और उन्हें जबरन थाने में रहने को मजबूर किया। लापता युवती को तलाशने के लिए इन्हें एक निजी वाहन से गुजरात तक लेकर गए। दो दिन बाद वापस पुलिस चौकी पहुंचे तो थाने में विवाहिता से सफाई करवाई। खाना पकवाया। रात में जितेन्द्र सिंह ने विवाहिता को स्वयं के कमरे में रखा और माता-पिता को दूसरे कमरे में रखा। विवाहिता के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। कपड़े फाड़ दिए। विवाहिता चिल्लाई तो उसकी मां कांस्टेबल के कमरे में पहुंची तो उसने विवाहिता को कमरे बाहर करते हुए किसी को इस बारे में बताने पर जेल में डालने की धमकी दी। महिला ने आरोप लगाया कि गुजरात में जिस वाहन से गए उसमें भी कांस्टेबल ने छेड़छाड़ की थी। उधर, स्थानीय विधायक व लोगों को इस घटना के बारे में पता चला तो वे पुलिस चौकी पहुंचे। एसपी मनोज चौधरी को शिकायत की। जिस पर उदयपुर एसपी मनोज चौधरी ने कांस्टेबल जितेन्द्र को सस्पेंड कर दिया। वहीं थानाधिकारी नाथू सिंह और एएसआई राजकुमार को भी लाइन हाजिर किया है।
– राठौड़ बोले, राजस्थान में बेटियां न्याय लडऩे को मजबूर
उधर, इस मामले को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट करके राजस्थान सरकार को घेरा। राठौड़ ने कहा कि प्रियंका गांधी लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दे रही है। उधर, राजस्थान में महिलाओं को न्याय के लिए लडऩा पड़ रहा है। पुलिस कर्मी रक्षक के बजाय भक्षक बने हुए हैं। राजस्थान सरकार कानून व्यवस्था में फेल है। महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है सरकार।