मुम्बई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ वस्तुत: विद्रोह करने वाले उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों की प्रशंसा करते हुए आज कहा कि न्यायपालिका को ‘‘गूंगा और बहरा’’ बनाने के प्रयास हो रहे हैं।
ठाकरे ने कहा कि सरकार को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन न्यायाधीशों के निर्णय की प्रशंसा की जानी चाहिए। इसकी अधिक संभावना है कि अब उनके खिलाफ एक जांच बैठा दी जाए। यद्यपि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की कल मुम्बई यात्रा के समय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यहां इतना महत्वपूर्ण क्या हो रहा है कि वह मुम्बई आ रहे हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका को गूंगा और बहरा बनाने के प्रयास हो रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या लोग देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं? केवल चुनाव जीतना शासन नहीं है।’’ शिवसेना प्रमुख ठाकरे से पूछा गया था कि वर्तमान शासन में क्या न्यायपालिका दबाव में दिख रही है। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन करने का न्यायाधीशों का निर्णय एक चौंकाने वाली बात के तौर पर आयी। उन्होंने कहा कि अब लोग यह सोचेंगे कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा करना चाहिए या नहीं।