Augusta Westland scam, soniya gandhai, mischal, ashmad patel, Corruption, Rajendra Rathod
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जयपुर। विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आॅगस्टा वेस्टलैंड के मामले में भ्रष्टाचार की गंगोत्री कांगे्स के शीर्ष नेतृत्व से ही निकल रही है। जब से क्रिश्चियन मिशेल का इस मामले में प्रत्यर्पण हुआ है, कांग्रेसी नेता बौखला रहे है। उन्होंने कहा कि इटली के मिलान शहर के कोर्ट के फैसले में सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के नाम सामने आये है। ई.डी. ने भी 29 दिसम्बर, 2018 को दिल्ली के पटियाला कोर्ट में कई चैंकाने वाले खुलासे किये है। राठौड़ ने कहा कि 3,546 करोड़ रूपये के काॅन्ट्रेक्ट में 360 करोड़ रूपये की रिश्वतखोरी की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री द्वारा महाराणा प्रताप को देश व प्रदेश का गौरव मानने से इंकार करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

राठौड़ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के फैसलों से जनता निराश है। किसानों की कर्ज माफी और युवाओं को दिये जाने वाले बेरोजगारी भŸो के सन्दर्भ में कोई ठोस काम नहीं हुए है। पंचायतीराज चुनावों में शैक्षणिक योग्यता समाप्त करके कांग्रेस प्रोग्रेसिव कानून को समाप्त कर रही है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को निरंकुश हाथी की तरह काम नहीं करने देगी। कांग्रेसी सरकार विधानसभा सत्र आहूत करने से भी डर रही है।

-राजेन्द्र राठौड़ ने यह बताया, अगस्ता वेस्टलैंड सौदे का सोनिया गांधी कनेक्शन

राजेन्द्र राठौड़ ने दस्तावेज देते हुए बताया की अगस्ता वेस्टलैंड से भारत को 37 अरब रुपये के सौदे के तहत 12 हेलिकॉप्टर खरीदने थेए जिसमें 360 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी की बात सामने आई। इटली की कोर्ट ने माना कि इस मामले में भारतीय अफसरों और राजनेताओं को 15 मिलियन डॉलर रिश्वत दी गई। कोर्ट ने एक नोट में इशारा किया था कि सोनिया गांधी सौदे में पीछे से अहम भूमिका निभा रही थीं। कोर्ट ने 225 पेज के फैसले में चार बार सोनिया का जिक्र किया। हालांकि कांग्रेस मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है कि उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि अभी तक सामने आए सारे तथ्य ये कहते हैं कि इस मामले में सोनिया गांधी शामिल थीं। दरअसल ये और पुख्ता इसलिए होता है कि इसकी जांच 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू की थी। ए के एंटनी की अगुआई में इस जांच को आगे बढ़ाया गया था।

कांग्रेस की बौखलाहट इसलिए भी दिख रही है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के सौदे में बिचौलिये का काम करने वाले इटली के नागरिक जेम्स क्रिश्चियन मिशेल का इस मामले में प्रत्यर्पण हुआ है, तब से कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से डरी हुई है। क्योंकि उसे डर है कि वो कहीं सोनिया गांधी के खिलाफ बयान न दे दे। गौरतलब है कि बिचौलिया जेम्स क्रिश्चियन मिशेल एक अहम कड़ी है। आरोप है कि उसी के जरिये इस सौदे में कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने रिश्वत ली थी।
2010 में हेलीकॉप्टर बनाने वाली इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था। 12 हेलीकॉप्टरों के लिए कुल 3700 करोड़ रुपये देना तय हुआ था। लेकिन तभी यह पोल खुल गई कि कंपनी ने भारत में 125 करोड़ रुपये घूस दिए हैं। इटली की अदालत में यह साबित हुआ कुल डील का 10 प्रतिशत हिस्सा रिश्वत में देने की बात तय हुई थी।
घूसखोरी का भंडाफोड़ होने के बाद 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार ने डील रद्द कर दिया। इसके बाद पूर्व एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया। इटली की कोर्ट की कार्रवाई में यह बात सामने आई थी कि भारत के ष्सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारष् ने सौदे में 125 करोड़ रुपये कमीशन लिया।
चूंकि इस मामले का भंडाफोड़ इटली में ही हुआ थाए लिहाजा वहां भी इस पर मुकदमा चला। मिलान शहर की अदालत के फैसले के पेज नंबर.193 और 204 पर कुल मिलाकर 4 बार सोनिया गांधी का नाम आया। इसमें उनके नाम की स्पेलिंग लिखा गया था। इटैलियन वर्ड में सिग्नोरा का मतलब श्रीमती होता है. कोर्ट ने कहा कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने बिचौलिए जरिए 125 करोड़ रुपये कमीशन लिया। कुल 225 करोड़ रुपए रिश्वत की लेन.देन हुईए जिसमें से 52 प्रतिशत हिस्सा कांग्रेस के नेताओं को दिया गया। 28 प्रतिशत सरकारी अफसरों को और 20 प्रतिशत एयरफोर्स के अफसरों को मिला। इस केस में तब के एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी को भी आरोपी बनाया गया।

-इटली की अदालत में फैसला हुआ
2016 में इटली की निचली अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के दो अफसरों को रिश्वत देने का दोषी ठहराया। उन्होंने कोर्ट के आगे कबूला कि भारत को हेलीकॉप्टर की 3ए700 करोड़ रुपये की डील के बदले कंपनी ने कांग्रेस पार्टी के टॉप नेताओं को रिश्वत दी। रिश्वत लेने वालों को सजा नहीं दी जा सकती थीए क्योंकि वो इटली से बाहर रह रहे हैं। हालांकि इस साल जनवरी में इटली की ऊपरी अदालत ने दोनों अधिकारियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उन्हें सजा देने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि कोर्ट में यह बात साबित हुई कि रिश्वत की लेन.देन हुई है। इटली की कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया। लेकिन सीबीआई और ईडी ने साफ कह दिया कि ये मुकदमा भारत में चलेगा और इटली की अदालत के फैसले से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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