संजय सैनी
जयपुर। शहर में अवैध निर्माण की बाढ़ आई हुई है। चारदीवारी और आस-पास के क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि दूर-दराज की हाऊसिंग बोर्ड, नगर निगम और जेडीए की आवासीय कॉलोनी में भी अवैध निर्माण जमकर हो रहे हैं। स्थानीय लोगों की लिखित शिकायतों के बाद भी भू-कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, बल्कि कई जगहों पर अफसरों की शह पर अवैध निर्माण फल-फूल रहे हैं। ऐसे ही अवैध निमार्णों की बाढ़ प्रताप नगर और श्योरपुर रोड पर आई हुई है। नगर निगम सांगानेर जोन, राजस्थान आवासन मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी और विजीलैंस शाखा यहां बन रहे अवैध कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स पर ना तो कार्रवाई कर रही है और ना ही रोक पा रही है। इससे अवैध कॉम्पलैक्सों के आस-पास रहने वाले लोग खासे परेशान है। ऐसे अवैध निमार्णों के चलते आवासीय कॉलोनियों में पार्किंग की समस्या खड़ी हो गई है। लोग सड़कों पर ही वाहन पार्क करते हैं, जिससे आए दिन जाम लगा रहता है। श्योपुर रोड व प्रताप नगर में आवासन मण्डल के एक सौ वर्गमीटर से तीन सौ वर्गमीटर के आवासी मकानों को तोड़कर अवैध कॉमर्शियल इमारतों में तब्दील किया जा रहा है।
नियम-कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। नगर निगम सांगानेर जोन और निगम के आला अफसरों के साथ आवासन मण्डल को भी लिखित शिकायतें देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायत पर अफसर आते हैं, भू-कारोबारी को नोटिस देकर और अपनी जेबें गर्म करके चले जाते हैं। शिकायतों के बाद भी तीन-तीन मंजिला अवैध कॉमर्शियल इमारतें खडी हो गई। इससे स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है। सांगानेर के प्रतापनगर श्योपुर रोड स्थित प्रज्ञाक्षत नाम की एक बिल्डिंग पूरी तरह कॉमर्शियल बन गई है। आवासीय मकान को तोड़कर अवैध कॉमर्शियल इमारत में तब्दील कर दिया गया है, जिस पर शोरुम व दुकानें लीज पर लेने और बेचने के बोर्ड टंगे हुए हैं। यहां दो दर्जन अवैध दुकानें खड़ी कर दी गई है। नागरिकों का कहना है कि आवासन मण्डल, नगर निगम और जेडीए के अधिकारियों को शिकायत भी की लेकिन वे देख कर आते तो लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करते। मात्र 250 वर्गगज के मकान मेंतहखाने से लेकर तीन मंजिला दुकानें, आफिस बनाए गए है। ना तो सैटबैक छोड़ा है और ना ही पार्किंग की जगह। दुकानें किराये पर या बेचने जाने पर दुकानदारों और ग्राहकों की कारें सड़क पर ही पार्क होगी।
इसी तरह पिंजरापोल गौशाला के सामने, बैंक आफ बड़ौदा के पास दस दुकानों का अवैध निर्माण हो गया और जेडीए के अधिकारी देखते रहे। स्थानीय निवासियों ने इसकी जेडीए में शिकायत भी की तो जेडीए के अधिकारी उल्टा अवैध निर्माणको पुराना निर्माण बताकर चले गए। भवन मालिक अवैध रुप से बनी इन दुकानों को किराए पर दे रहा है। लोगों का कहना है कि यहां पहले से ही पार्किंग की समस्या बनी हुई है। दुकानें किराए पर चली गई तो पैर रखना भी मुश्किल हो जाएगा। इसी तरह सांगानेर टोंक रोड पर चौधरी पेट्रोल पंप के सामने मियां बजाज गली में अवैध कांप्लेक्स खड़ा कर लिया। मात्र 20 फीट की गली में अवैध चार मंजिला कांप्लेक्स खड़ा कर लिया। ना तो सेटबैक छोड़ा गया है और ना ही भवन नियमों की पालना की गई है। 20 फीट चौड़ी सड़क पर चार मंजिला भवन का निर्माण नहीं किया जा सकता है। मात्र दो मंजिला भवन का निर्माण ही किया जा सकता है। ऐसे में यहां होने वाला निर्माण पूरी तरह अवैध है। सांगानेर फ्लाईओवर पर गोगिया पेट्रोल पंप के आमन-सामने दो कांप्लेक्सों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें भी नियमों और कायदे-कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। इनमें भी नियमों और कायदे-कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। पेट्रोल पंप के सामने स्लिप लेन की 20 फीट जमीन जेडीए ने खातेदार से सड़क निर्माण के लिए ली थी। यहां करीब 50 दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर भी फ्रंट सैट बैक में भी पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी गई। इन अवैध निमार्णों को लेकर स्थानीय नागरिक बराबर लिखित शिकायतें दे रहे हैं, लेकिन अफसर कार्रवाई के बजाय अपनी जेबें भर रहे हैं।