जयपुर। मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में ‘जीका वायरस‘ से बचाव और आम लोगों को इसके संबंध में जागरूक करने के उद्ेश्य से चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने जीका रोग से बचाव और आमजन को इस संबंध में जागरूक करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुये कहा कि यह रोग प्राणघातक नही हैं और मच्छरों की रोक थाम कर इस रोग से बचा जा सकता है।

मुख्य सचिव ने बताया कि जीका वायरस से सम्बधित सभी जांच सुविधायें एवं आवश्यक दवाईयां एस.एम.एस. अस्पताल में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जीका वायरस से बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि जीका वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इससे बचाव के तौर-तरीकों से आमजन को जागरूक बना कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीका वायरस मच्छर जनित बीमारी है, इसलिए सबसे पहले हमें साफ सफाई और मच्छर रहित, साफ-सुथरा वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त जुम्मे की नमाज, रामलीला जैसे सार्वजनिक अवसरों पर भी इस रोग से बचाव के तरीको से आम जनता को जागरूक किया जा सकता है।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र शास्त्रीनगर में मेडिकल टीम घर-घर जाकर नागरिकाें का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है साथ ही वहां मच्छरों के लार्वाें को नष्ट करने का व्यापक अभियान भी चालू है। गुप्ता ने बताया कि सोश्यल मीडिया में जीका वायरस से बचाव और आमजन को जागरूक करने का प्रचार किया जा रहा है। उन्होेंने बताया कि एफएम चैनल्स में भी इस संबंध में आवश्यक जानकारियां दी जा रही हैं।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव, नवीन जैन, चिकित्सा शिक्षा सचिव, आशुतोष पेंडनेकर, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त रवि जैन, जयपुर जिला कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन, सीओ नगर निगम, एम.एल.यादव, एस.एम.एस.अस्पताल के प्रिन्सिपल डा. सुधीर भंडारी, जन स्वास्थ्य निदेशक डा. वी.के. माथुर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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