नई दिल्ली। जैसे-जैस लोकसभा चुनावों का समय नजदीक आ रहा है है वैसे-वैसे ही अयोध्या मामला भी अब तूल पकड़ता जा रहा है। 2014 में मोदी सरकार द्वारा राम मंदिर को लेकर जो वादा किया गया था वो पूरा नहीं होने से लोगों की नजरें अब इस मुद्दे पर टिक गई है खासकर साधू-संतों, संगठनों, मठों द्वारा सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह अयोध्या में राममंदिर बनवाए। इसी कड़ी में संसद के शीतकालीन सत्र में आजाद भारत के सबसे बड़े विवादों में से एक अयोध्या विवाद के उछलने की जमीन तैयार होती दिख रही है। राज्यसभा में बीजेपी के सांसद राकेश सिन्हा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, सीताराम येचुरी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती समेत कई अन्य नेताओं को चुनौती भी दी है कि वे अपना स्टैंड क्लियर करें। राकेश सिन्हा ने गुरुवार को इस सिलसिले में कई ट्वीट किए हैं। साफ है कि 2019 के चुनावी साल से ठीक पहले अयोध्या मुद्दा एक बार फिर संसद के साथ-साथ पब्लिक डिबेट का हिस्सा बनने जा रहा है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल दी। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा रहा है। केंद्र में स्पष्ट बहुमत की सरकार और यूपी में अबतक की सर्वाधिक मजबूत स्थिति को इंजॉय कर रही बीजेपी पर इस दबाव का जवाब देने का भी दबाव है। हालांकि एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि राम मंदिर पर कानून बनाने की राह इतनी आसान नहीं है, कई अड़चनें हैं।