लखनऊ। सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई करते हुए आदेश जारी कर दिए लालकृष्ण आडवाणी व उमा भारती को 30 मई को अदालत में पेश होना ही पड़ेगा। अदालत ने कहा कि अब उनको पेशी से छूट नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि अगली सुनवाई के दौरान इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। लिहाजा सभी आरोपियों को अगले हफ्ते होने वाली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहना ही होगा। कोर्ट में जब सुनवाई शुरू हुई उस दौरान केवल ही एक आरोपी सतीश प्रधान मौजूद थे। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी पेशी से छूट नहीं दी जा सकती है। बता दें देश की शीर्ष अदालत ने गत माह ही निर्देश जारी किए थे कि बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित अन्य आरोपियों पर षडयंत्र के आरोपों के मामले में मुकदमा चलेगा। साथ ही मामले को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया। लखनऊ में इसी से जुड़ा एक अन्य मामला चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत से अपने आदेशों में कहा कि वह एक माह के भीतर मामले की सुनवाई शुरू करें और दो साल के भीतर मामले को निपटाए। इसके बाद से सीबीआई की विशेष अदालत ने इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई 20 मई से रोजाना शुरू की गई। साथ ही पांच विहिप नेताओं के अलावा पूर्व सांसद रामविला वेदांती, चंपत राय, बैकुंठलाल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास व धरमदास महाराज को जमानत दी। उस दरम्यान सुनवाई के तहत एक अन्य आरोपी धर्मेन्द्र प्रधान अदालत में उपस्थित नहीं हुए तो गुरुवार की सुनवाई के दौरान उन्हें भी जमानत दे दी गई। जबकि दो अन्य आरोपियों विहिप के गिरिराज किशोर व अशोक सिंहल का निधन हो चुका है।
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