नई दिल्ली। देश के बहुचर्चित मामलों में से एक बाबरी विंध्वस कांड के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अन्य आरोपियों को बड़ा झटका लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 22 मार्च को अपना आखिरी फैसला सुनाएगी। जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की खंडपीठ ने सीबीआई व हाजी महबूब अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को यह तारिख मुकर्रर की। इस याचिका के जरिए उन्होंने इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के ट्रायल में हो रही देरी के मामले में चिंता जताई। साथ ही कहा है न्यायिक प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए आरोपियों का संयुक्त ट्रायल भी हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि आडवाणी सहित अन्य के खिलाफ लगे आरोपों को तकनीकी कारणों से नहीं हटाया जा सकता। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2001 में इन नेताओं पर लगे आरोपों को निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान खारिज कर हटा दिया था। वहीं इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इस मामले में आरोपी रहे लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, कल्याण सिंह, वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा। जिसमें उन पर षडयंत्र रचने के आरोप हटा दिए गए थे। इसी तरह अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, सतीश प्रधान, सी.आर. बंसल, साध्वी ऋतम्भरा, आर.वी. वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास, वी.एच. डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, जगदीश मुनि महाराज, बी एल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, मोरेश्वर, धरम दास और सतीश नागर सावे के खिलाफ भी आरोप हटाए गए थे। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट फैसले को बदल देती है तो इन सभी नेताओं के खिलाफ पुराना मामला फिर से खोला जा सकता है। इससे पहले, अदालत ने मार्च 2015 में आरोपियों से जवाब तलब किया था। गौरतलब है कि विवादित ढांचा गिराए जाने के संबंध में दो मामले हैं। एक मामला आडवाणी और उन अन्य लोगों के खिलाफ है, जो 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय अयोध्या के रामकथा कुंज में मंच पर थे। जबकि एक अन्य मामला उन लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ है, जो विवादित ढांचे में और उसके आस-पास मौजूद थे। बरहाल सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि किसी पर भी लगे आरोपों को हटाया नहीं जाएगा। यह केस के तकनीकी कारणों से भी जुड़े हैं।
-जनप्रहरी एक्सप्रेस की ताजातरीन खबरों के लिए हमसे जुड़े रहने के लिए यहां लाइक करें।

LEAVE A REPLY