जयपुर। कांग्रेस के पूर्व केबिनेट मंत्री बाबूलाल नागर से जुड़े महिला से दुष्कर्म मामले में सोमवार 30 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में दोपहर बाद फैसला आएगा। मामले में बाबूलाल नागर आरोपी है। पीडिता ने बाबूलाल नागर पर सरकारी बंगले में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट इस्तगासे से मामला दर्ज करवाया था। इस मामले के उजागर होने के बाद नागर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और जांच में आरोप सही पाए जाने पर सीबीआई ने आरोपी नागर को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से नागर जेल में है। मामला हाईलाइट होने और पीडिता की गुहार पर कांग्रेस सरकार ने इस मामले को सीबीआई के पास अनुसंधान के लिए दिया था। सीबीआई ने भी जांच में दुष्कर्म मानते हुए चालान पेश किया। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें जमानत का लाभ नहीं मिल पाया था। दुष्कर्म के इस बहुचर्चित मामले के चलते तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार को बदनामी झेलनी पड़ी थी। तब पार्टी ने भी बाबूलाल नागर को पार्टी से निकाल दिया था। इस मामले के अलावा भंवरी देवी काण्ड से भी पार्टी की फजीहत हुई थी। इसमें तत्कालीन केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा, कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन दोनों मामलों को प्रमुखता से उठाकर कांग्रेस सरकार को घेरा था। भंवरी देवी काण्ड के आरोपी भी अभी जेल में ही है।
– यह है मामला
पीडिता महिला ने कोर्ट इस्तगासे से दर्ज मामले में बताया कि तत्कालीन केबिनेट मंत्री बाबूलाल नागर ने घटना के दिन 11 सितम्बर, 2013 को सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगले में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके साथ मारपीट भी की गई। घटना की शिकायत सोढाला थाने में की तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। बाद मेंं कोर्ट इस्तगासे से थाने में मामल दर्ज हुआ। पीडिता के अधिवक्ता मुराद शेख के मुताबिक, थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर पीडिता के कोर्ट में धारा 164 में बयान हुए। तीन डाक्टरों के बोर्ड से मेडिकल हुआ, जिसमें महिला से मारपीट और चोट आना बताया। दुष्कर्म की पुष्टि हुई। साथ ही पीडिता के कपड़ों पर मिला सीमन बाबूलाल नागर के डीएनए से मिला। कोर्ट और सीबीआई को दिए पीडिता ने बयान दिए कि एनजीओ कार्य के सिलसिले में नागर ने सरकारी बंगले में बुलाकर उससे दुष्कर्म किया। कोर्ट जिरह में भी इन्हीं आरोपों को दोहराया है। अभियोजन व पीडिता पक्ष की साक्ष्य में बाबूलाल नागर द्वारा पीडिता को किए गए फोन कॉल्स, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान दर्ज करवाए हैं। वहीं आरोपी बाबूलाल नागर ने घटना से साफ इंकार करते हुए कहा कि उसने कोई दुष्कर्म नहीं किया। महिला उसकी परिचित थी। जिस दिन की घटना बता रही थी, उस दिन बंगले पर विधानसभा की मीटिंग थी और वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे। ऐसे में दुष्कर्म और मारपीट के आरोप झूंठे है। नागर ने पीडिता के चरित्र पर सवालिया निशान उठाते हुए उसके द्वारा दर्ज करवाए गए दुष्कर्म मामलों के बारे में कोर्ट को अवगत कराया है। साथ ही विरोधी लोगों द्वारा महिला को उकसाकर दुष्कर्म का झूंठा मामला लगाकर राजनीतिक कैरियर खराब करने के आरोप लगाए हैं। अब देखना है कि कोर्ट को फैसला क्या रहता है, हालांकि इस बहुचर्चित मामले में फैसले को लेकर सभी की नजर है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा आमजन में भी इस मामले को लेकर उत्सुकता है।