जयपुर। राजस्थान विधानसभा में राज्य सरकार ने गुर्जर समाज समेत पांच अन्य जातियों को पांच फीसदी आरक्षण बिल पारित कर दिया। इसमें सरकारी सेवाओं में नियुक्ति, शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के प्रावधान रखे गए हैं। बिल पारित होने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि मलारना डूंगर समेत अन्य जिलों में रेल पटरियों और सड़कों पर बैठे गुर्जर समाज के आंदोलनकारी हट जाएंगे। आंदोलन के अगुवा कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने आज कहा है कि विधानसभा में बिल क्या पारित हुआ है, उस बारे में पहले अध्ययन करेंगे। उसके बाद ही आंदोलन खत्म करने को लेकर पंच पटेलों की सलाह पर फैसला लेंगे। गुरुवार को भी मलारना डूंगर समेत कई दूसरी स्थानों पर पटरियों व सड़कों पर गुर्जर आंदोलनकारी जमे रहे। सीकर में बुधवार को पुलिस से झड़प हो गई थी। धौलपुर में तो आंदोलनकारियों ने पुलिस वाहन फूंक दिए थे। आंदोलन हिंसक होने से सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए सदन में पांच फीसदी आरक्षण बिल पारित किया। विधानसभा में मंत्री बीडी कल्ला ने विधेयक पेश किया। बिल में बंजारा, गाडिया लुहार, गुर्जर, रेबारी, गड़रिया समाज को आरक्षण देने के प्रावधान है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन से जयपुर, अलवर, दौसा, करौली, भरतपुर, बूंदी आदि जिलों में सड़क और रेल मार्ग प्रभावित है। लोगों को आने-जाने से परेशानी हो रही है।