जयपुर। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चुनाव अधिकरण संख्या तीन ने नौ साल बाद हुए बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चुनाव में धांधली की शिकायत पर प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही अधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में बीसीआर का चुनाव परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। अधिकरण ने कहा है कि चुनाव में सफल रहे प्रत्याशियों के नाम गजट प्रकाशित नहीं किया जाए। इसके साथ ही अधिकरण ने चुनाव ऑब्जर्वर पूर्व न्यायाधीश डीएन थानवी को प्रकरण में 2 मई को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। अधिकरण ने यह आदेश प्रशांत चतुर्वेदी सहित अन्य की ओर से भेजी गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिए।
शिकायतकर्ताओं की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में जानकारी दी गई कि अधिकरण में करीब 17 बिन्दुओं पर शिकायत पेश की गई। शिकायत में कहा गया कि मतदाता सूची तैयार करने के बाद उसने करीब साढे तीन हजार नए वकीलों के नाम जोडे गए। नए मतदाओं की जानकारी भी उम्मीदवार को नहीं दी गई। इसके अलावा जयपुर सेशन कोर्ट में एक हजार से अधिक फर्जी मत डाले गए। वहीं मतदान पेटियों को भी उम्मीदवारों के सामने नहीं खोला गया। शिकायत में यह भी कहा गया कि समाज विशेष के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए कई प्रत्याशियों के नाम में बदलाव किए गए। इसके अलावा चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही बीसीआई के फंड को मतदाता को रिझाने के लिए संबंधित बार एसोसिएशनों को आवंटित किया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने चुनाव परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है।
शिकायतकर्ता रामअवतार खंडेलवाल ने बताया कि अधिकरण में तीन हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तय कर रखा है कि अधिकरण में चुनाव से संबंधित कोई शिकायत लंबित रहने के दौरान परिणाम घोषित नहीं किया जाए। जिसकी पालना में अधिकरण ने बीसीआर का चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई है।