नई दिल्ली। पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर 1 जनवरी, 2016 को हुए आतंकी हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तीन अन्य आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एयरबेस पर हमले की साजिश रचने के लिए चारों को आरोपी बनाया है। पंचकूला स्थित एनआइए अदालत में पेश चार्जशीट के मुताबिक, आतंकियों ने हमले का कोड निकाह रखा और हमलावरों को बाराती नाम दिया था। पाकिस्तान से आए आतंकी (बाराती)ने हमले (निकाह) को अंजाम दिया था। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मूसद अजहर, उसके भाई रऊफ असगर, शाहिद लतीफ और कासिम जान को आरोपी बनाया है। इन पर विस्फ ोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र कानून तथा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आरोप लगाये है। इस हमले में 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे और तीन दर्जन से अधिक घायल। तीन आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। अजहर को 1999 में इंडियन एअरलाइंस के अपहृत विमान के बदले में रिहा कर दिया। मामले की जांच के लिए भारत ने पाकिस्तान की एक टीम को पठानकोट आने की अनुमति दी थी। आरोप पत्र में पठानकोट वायुसेना स्टेशन में सुरक्षा में खामी के भी संकेत दिये गये। बताया गया कि चार आतंकियों नासिर हुसैन, हाफि ज अबु बकर, उमर फ ारूक और अब्दुल कयूम ने एक जनवरी को सुबह साढ़े आठ बजे वायुसेना परिसर में प्रवेश किया और एक नाले तथा पास में स्थित सैन्य इंजीनियरिंग सेवा के शेड में छिपे रहे। ये आतंकी पाकिस्तानी थे। आतंकियों ने दो जनवरी को तड़के हमला कर दिया। चारों आतंकियों को व्यापक भड़काऊ, शारीरिक सैन्य और रणनीतिक प्रशिक्षण मिला था। उन्हें भारत में आतंकी हमलों के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। गोला-बारूद और अन्य साजोसामान से लैस चारों आतंकियों ने 30 दिसंबर को सिम्बाल सीमा चौकी के पास वनक्षेत्र से प्रवेश किया। भारतीय सीमा में घुसने के बाद ये आतंकी भगवाल गांव से सड़क मार्ग से जानियाल पहुंचे। उन्होंने एक टैक्सी चालक इकागर सिंह का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। आतंकियों ने सलविंदर सिंह और उनके कुक को बंधक बना लिया था और फिर एक एकांत स्थान पर उन्हें फेंक दिया। फिर आतंकियों ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन परिसर में पहुंचकर हमले को अंजाम दिया।

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