-तारातरा मठ में संत समागम में शामिल हुईं मुख्यमंत्री
बाड़मेर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि बाड़मेर जिला शीघ्र ही प्रदेश का चमकता हुआ सूरज बनकर उभरेगा और अपनी चमक पूरे राजस्थान पर बिखेरेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में होने वाले सौर ऊर्जा, गैस और तेल के उत्पादन और यहां लगने वाली रिफाइनरी से पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश की तस्वीर बदलेगी। राजे बाड़मेर जिले के तारातरा मठ धाम में श्री मोहनपुरी जी महाराज की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मोहनपुरी जी महाराज एक वचनसिद्ध योगीराज थे। उन्होंने अध्यात्म के साथ-साथ गौ सेवा और परोपकार के कार्यों को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी गौ सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। इस बार बजट में निराश्रित गौवंश की देखभाल के लिए हर जिले में एक नंदी गौशाला को 50 लाख रुपये के अनुदान की घोषणा की गई है। वहीं रजिस्टर्ड गौशालाओं में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये के कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को पशु आहार के लिए तीन महीने की सहायता को दोगुना कर छह महीना किया जा रहा है। साथ ही 25 बीघा और इससे अधिक भूमि पर संचालित गौशालाओं में 100 घनमीटर या इससे अधिक क्षमता के बायोगैस प्लांट पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
राजे ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश का हर धार्मिक स्थल एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए 550 करोड़ रुपये की लागत से 200 मंदिरों को भव्य बनाने और वहां सुविधाएं विकसित करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार साल में धार्मिक पर्यटन को लगातार सुविधामय बनाया है और करीब 32 हजार तीर्थ यात्रियों को हवाई जहाज, रेल तथा बसों के माध्यम से निशुल्क तीर्थ यात्राएं करवायी हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जैतपुरी जी और मोहनपुरी जी महाराज की समाधि पर शीश नवाया और पूजा-अर्चना की। उन्होंने मठ धाम स्थित नारायणपुरी, विजयपुरी, श्यामपुरी, इन्द्रपुरी, अम्बेपुरी, तेजपुरी, धर्मपुरी और वागपुरी जी की समाधि के भी दर्शन किए। उन्होंने यज्ञशाला में मंत्रोच्चारण के साथ प्रदेश में सुख समृद्धि की कामना के लिए आहुतियां दी। तारातरा मठ में महंत प्रतापपुरी जी ने उन्हें जैतपुरी जी द्वारा स्थापित धाम के बारे में जानकारी दी। श्रीमती राजे ने इस दौरान शहीद धर्माराम के परिवार का सम्मान किया। उन्हांेने शहीद की बेटी से उसकी शिक्षा के बारे मंे जानकारी ली और शहीद धर्माराम की वीरांगना एवं उनकी माता का शाॅल ओढ़ाकर सम्मान किया।