नई दिल्ली। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल अब तक किसी महकमे को खुद नहीं संभालते थे, अब वे जल महकमे को स्वयं देखेंगे। इसके पीछे जो वजह उभरकर सामने आई वो यह रही कि हाल ही हुए बवाना उपचुनाव में आम आदमी को पार्टी को कच्ची बस्तियों और झुग्गी झौपडिय़ों में रहने वाले मतदताओं ने वोट डाले।
एकतरफा वोट होने से पार्टी को जीत मिली। जिस दौरान चुनाव प्रचार चरम पर था, उस समय लोगों ने बताया था कि यहां जलसंकट की मार सदैव बनी रहती है। जहां पानी पहुंचाता है वो पीने लायक नहीं होता। पाईप लाइन जहां-जहां बिछाई गई, उस जगह पानी पहुंचता नहीं। इस पर सीएम केजरीवाल ने जनसभा में लोगों से वायदा किया कि वे इस संकट को दूर करेंगे। वैसे दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद से ही सीएम केजरीवाल ने खुद कोई विभाग अपने पास नहीं रखा। जिससे उनकी तीखी आलोचना हुई। अब जब उप चुनाव में उन्हें स्थिति पता चली तो वे इस मामले में गंभीर नजर आए।
अभी इस महकमे को राजेन्द्र पाल गौतम संभाल रहे हैं। जबकि इससे पहले केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर चर्चाओं में आए पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा इस महकमे को देख रहे थे। गौतम के काम से केजरीवाल सतुंष्ठ नजर नहीं आए। जिससे उन्होंने इस महकमे को खुद संभालने का मानस बना लिया है।