जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के लगातार कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में क्रिटिकल सिम्पटौमेटिक रोगियों की संख्या में कमी आ रही है। यह सुखद संकेत है कि बीते कुछ सप्ताह में अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू तथा वेंटिलेटर की आवश्यकता वाले रोगियाें की संख्या एक-तिहाई तक घटी है। इसके बावजूद भविष्य में संक्रमण के बढ़ने की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम अपनी पूरी तैयारी रखें।
गहलोत सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में स्थानीय पारिस्थितिकी और मौसम संबंधी परिवर्तन के कारण कोरोना संक्रमण तथा इससे होने वाली मृत्यु दर में निरन्तर बदलाव हो रहे हैं। प्रदेश के चिकित्सा विशेषज्ञ इन बदलावों का गहन विश्लेषण एवं अध्ययन कर कोरोना को हराने के लिए स्थानीय रणनीति बनाएं।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि 24 सितम्बर को प्रदेश में 2 हजार 902 ऎसे रोगी अस्पतालों में भर्ती थे जिन्हें ऑक्सीजन, आईसीयू तथा वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। इनकी संख्या अब 17 अक्टूबर को घटकर एक हजार 884 रह गई है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी न रहे, इसके लिए राज्य के सभी जिला अस्पतालों में कंप्रेस्ड एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ-साथ 6 प्रमुख मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध कोविड अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। बीस जिला अस्पतालों में तो ये प्लांट्स स्थापित भी किए जा चुके हैं।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की उपयोग क्षमता विकसित कर ली गई है। जिसे नवम्बर माह तक प्रतिदिन 30 हजार सिलेंडर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में किए गए ऑक्सीजन के कुशल प्रबंधन की गत दिनों केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण तथा इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने वीडियो कांफ्रेंस में सराहना करते हुए अन्य राज्यों को राजस्थान के मॉडल को अपनाने की सलाह दी। इस संबंध में प्रदेश की अच्छी प्रगति को देखते हुए केन्द्र ने राजस्थान में 20-20 किलोलीटर क्षमता के चार कंप्रेस्ड ऑक्सीजन एयर प्लांट स्वीकृत किए हैं। ये प्लांट जयपुर, जोधपुर, बीकानेर तथा अलवर के भिवाड़ी में लगाए जाएंगे।
गहलोत ने बैठक के दौरान नो मास्क-नो एंट्री अभियान की समीक्षा भी की। स्वायत्त शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि अभियान की उच्च स्तर से लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। संभाग एवं जिला स्तर पर प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

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