water, conservation work, cm Vasundhara Raje
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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में बेमिसाल काम हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश को लोग अकाल और सूखे के कारण जानते थे, आज वही प्रदेश इस अभियान में हुए सफल जल संरक्षण कार्यों के लिए देश और दुनिया के लिए एक नजीर बन चुका है। राजे दुगार्पुरा स्थित कृषि प्रबंध अनुसंधान संस्थान (सियाम) में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीकानेर में जोहड़, नागौर में टांकों के निर्माण और झालावाड़ में व्यापक जनभागीदारी जैसे कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने यह दिखाया है कि टीम वर्क और बेहतर प्लानिंग से कैसे हम राजस्थान को जल की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को ब्रिक्स देशों समेत आस्ट्रेलिया के मरे डार्लिंग रिवर बेसिन में भी अपनाने की पहल हुई है, जो यह दिखाता है कि यह अभियान कितना सफल रहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न जिलों में जिला कलक्टरों द्वारा किए गए सफल नवाचारों को प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी अपनाएं।

राजे ने अभियान में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अधिकारियों, जिला कलक्टरों तथा भामाशाहों को सम्मानित किया। उन्होंने दूसरे चरण की उपलब्धियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। इससे पहले पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि तीन चरणों में इस अभियान में अब तक 2 लाख 61 हजार जल संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है। करीब 88 लाख पौधे लगाए गए हैं। अभियान में भामाशाहों, सामाजिक संस्थाओं, औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों सहित आमजन का व्यापक सहयोग मिला है। राजस्थान रिवर बेसिन अथोरिटी के चेयरमैन श्रीराम वेदिरे ने कहा कि आने वाले जून में प्रदेश के 12 हजार गांव इस अभियान में कवर हो जाएंगे। इसी साल सितम्बर से शुरू होने वाले चौथे चरण में चार हजार गांवों में एक लाख 25 हजार से अधिक जल संरक्षण ढांचे बनाए जाएंगे। उन्होंने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट, स्टेट वाटर ग्रिड प्रोजेक्ट आदि महत्वकांक्षी परियोजनाओं की भी जानकारी दी।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें सामने आया है कि एमजेएसए के कार्यों के बाद सूखे कुओं तथा ट्यबवैलों में पानी आया है। कई गांवों में भूजल स्तर में भी इजाफा हुआ है। कार्यशाला को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव राजेश्वर सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री धनसिंह रावत सहित राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, विधायक, जिला प्रमुख एवं नगरीय निकायों के प्रमुख सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर भी मौजूद थे। कार्यशाला के दौरान नागौर जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम, बीकानेर जिला कलक्टर डॉ. एनके गुप्ता तथा झालावाड़ जिला कलक्टर जितेन्द्र सोनी ने अपने-अपने जिलों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत हुए नवाचारों पर आधारित प्रस्तुतिकरण दिया।

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