नयी दिल्ली । बेल्जियम नरेश फिलिप और महारानी मेथिल्डे 5 से 11 नवंबर के दौरान भारत की यात्रा पर आयेंगे और इस दौरान दोनों देश अपने ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत बनाने के साथ वाणिज्य, कारोबार को बढ़ाने एवं द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के विषय पर चर्चा करेंगे । विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2013 में राजगद्दी संभालने के बाद बेल्जियम नरेश फिलिप की यह पहली राजकीय भारत यात्रा है। वे भारत के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर यहां आ रहे हैं । इस यात्रा से दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी । उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनयिक मिशन स्थापित करने वाला बेल्जियम पहले यूरोपीय देशों में शामिल था । समझा जाता है कि बेल्जियम नरेश की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश वाणिज्य, कारोबार को बढ़ाने एवं द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के विषय पर चर्चा करेंगे ।
भारत, बल्जियम का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात स्थल है और यूरोपीय संघ से बाहर तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है । साल 2016..17 में भारत का द्विपक्षीय कारोबार 13.28 करोड़ डालर रहा था । इसमें भारत से बल्जियम को निर्यात 5.65 अरब डालर था जबकि बेल्जियम से आयात 6.62 अरब डालर था । भारत और बेल्जियम के वाणिज्यिक संबंधों में हीरे का कारोबार प्रमुख है । रत्न और आभूषण का कारोबार द्विपक्षीय कारोबार में 75 प्रतिशत है । बेल्जियम के शाही दंपति के साथ छह मंत्री और वहां की 86 कंपनियों के सीईओ, 13 शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों और मीडिया के 29 सदस्यों समेत बड़ा शिष्टमंडल भारत आ रहा है। बेल्जियम सरकार के अनुमान के मुताबिक, बेल्जियम में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 18 हजार है । इसमें से 10 हजार भारतीय नागरिक हैं । बेल्जियम की विभिन्न कंपनियों में करीब 1500 आईटी पेशेवर काम करते हैं । इसके अलावा करीब 800 भारतीय छात्र वहां विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं ।