नयी दिल्ली। भारतीय कप्तान विराट कोहली का कहना है कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद अपने काम की सबसे अधिक संतुष्टि मिलती है जिसमें उन्हें टीम के साथी क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा को लंबे समय तक बल्लेबाजी करते हुए ‘देखकर’ महारत हासिल हुई। कोहली केवल 29 वर्ष के हैं, वह खुद को खेल के महान खिलाड़ियों में से एक में शामिल कर चुके हैं। कल उन्होंने कप्तान के रूप में छह दोहरे शतक जड़कर ब्रायन लारा को पीछे छोड़ दिया।
कोहली ने ‘बीसीसीआई डाट टीवी’ पर पुजारा से बात करते हुए कहा, ‘‘मेरा पसंदीदा प्रारूप निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट है, हम प्रत्येक कोण से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसे सबसे अहम प्रारूप होना चाहिए क्योंकि बतौर बल्लेबाज या बतौर गेंदबाज भी, हम जानते हैं कि टेस्ट मैचों में रन जुटाना कितना संतोषजनक होता है, विशेषकर जब हालात मुश्किल हों। ’’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘आपको दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया में परिस्थितियों से जूझना होता है। इस प्रारूप में वनडे और टी20 प्रारूप की तुलना में संतुष्टि सबसे ज्यादा होती है, साथ ही भावनात्मक रूप से भी। जब पूरा स्टेडियम भरा होता है और आप एक करीबी मैच जीतते हो तो आपका मनोबल काफी ऊंचा हो जाता है। ’’ कोहली ने यह भी कहा कि उनके साथी पुजारा ने उन्हें बड़े शतक जड़ने के लिये प्रेरित किया और उन्होंने उन्हें देखकर ही लंबे समय तक बल्लेबाजी करना सीखा।