कोलकाता। बिजली उपकरण बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) ने 2022 तक बिजली के इतर स्रोतों से राजस्व दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कंपन दूसरे क्षेत्रों में परियोजनाओं का क्रियान्वयन मुकम्मल रूप से करेगी। कंपनी ने वृद्धि के लिये स्थानीय निकाय जल, गंगा मिशन, सौर, एयरोस्पेस, रक्षा, मेट्रो तथा उच्च गति की रेल परियोजनाओं की पहचान की है। भेल के निदेशक अमिताभ माथुर ने कहा, फिलहाल हमारा बिजली से इतर कारोबार 20 प्रतिशत है और हमारा 2022 तक इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ह्यह्यजबतक हम बिजली की तरह दूसरे क्षेत्रों में परियोजनाओं को मुकम्मल तैयार करने का काम नहीं करते, हमारा कारोबार ऊंचा नहीं होगा। फिलहाल कंपनी की आय में बिजली और संबद्ध कारोबार का योगदान 80 प्रतिशत है जबकि 20 प्रतिशत कारोबार रेलवे एवं अन्य इलेक्ट्रिकल उत्पादों से होता है।
अधिकारी ने कहा कि स्थानीय निकाय जल, गंगा मिशन, सौर, एयरोस्पेस, रक्षा, मेट्रो तथा उच्च गति की रेल परियोजनाओं से बिजली उपकरण विनिमार्ता कंपनी ह्यइंजीनियरिंग पावरहाउस बनेगी। बिजली क्षेत्र इस समय दबाव में है। सरकार के अक्षय ऊर्जा पर जोर के साथ केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने पिछले साल कहा था कि 2022 तक नये तापीय बिजली संयंत्र की जरूरत नहीं होगी।
उस समय भेल ने कहा था कि अगर नई तापीय बिजली परियोजनाओं के लिये आर्डर कम भी होता है तो भी उसके पास नये उपकरण लगाने और परियोजनाओं के आधुनिकीकरण को लेकर आर्डर काफी अधिक है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अलग-अलग क्षेत्रों में जाने के बाद भी भेल बिजली क्षेत्र के लिये प्रतिबद्ध बनी रहेगी।