नई दिल्ली। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छेडख़ानी के खिलाफ सिंहद्वार पर आंदोलनरत छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज और पूरे घटनाक्रम की जांच करने बनारस पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के जांच दल को पुलिस ने बीएचयू परिसर में जाने से रोक दिया। विरोध करने पर कई सपाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लाठीचार्ज पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे ‘डंडे मातरम’ कहा है। बीएचयू के सिंहद्वार पर धरना दे रहीं छात्राओं पर शनिवार देर रात हुए लाठीचार्ज की जांच करने सोमवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सपा का नौ सदस्यीय दल बीएचयू पहुंचा। लेकिन पुलिस ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया और लंका इलाके में मुख्य प्रवेश द्वार पर उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस के इस कदम के खिलाफ सैकड़ों सपा कार्यकर्ता बीएचयू के पास पहुंच गए और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने सैकड़ों सपाइयों को हिरासत में ले लिया। सपा नेता मनोज राय धूपचंडी ने बताया, ‘‘पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर विधान पार्षद लीलावती कुशवाहा एवं रामवृक्ष यादव सहित पार्टी का नौ सदस्यीय एक दल बीएचयू पहुंचा था। दल पीडि़त छात्राओं से मिलकर हालात का जायजा लेना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया और लंका इलाके में हिरासत में ले लिया।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने लगभग 125 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस का कहना है कि कार्यकर्ताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है। उन्हें स्थानीय पुलिस लाइन में रखा गया है तथा आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उधर लाठीचार्ज एवं हिंसक घटनाओं के लिए कुलपति प्रोफेसर गिरीशचंद त्रिपाठी को जिम्मेदार बताते हुए छात्र-छात्राओं के कई समूह सोमवार को अलग-अलग स्थानों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि परिसर में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है और परिसर का सिंहद्वार बंद कर दिया गया है।