जयपुर। राजस्थान में राजपूत समाज की नाराजगी को देखते हुए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री और जोधपुर के सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत पर दांव खेलते हुए इन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने जा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए शेखावत का नाम लगभग तय कर लिया है। बस औपचारिक घोषणा करना है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए अमित शाह ने गजेन्द्र सिंह से चर्चा कर ली है। ग्रीस दौरे से लौटते ही केन्द्रीय नेतृत्व शेखावत के नाम की घोषणा कर देगा। संभावना है कि आज या कल शेखावत ग्रीस दौरे से आ सकते हैं।
उधर, शेखावत का नाम लगभग तय होने से पार्टी कार्यकर्ता में जोश है। खासकर पश्चिमी राजस्थान में, जहां शेखावत की कर्मस्थली रही है। चर्चा है कि पार्टी के हमेशा से ही समर्थक रहे राजपूत समाज कुछ सालों से नाराज चल रहा है। कई मुद्दे अनसुलझे रहने पर राजपूत समाज ने समय-समय पर नाराजगी जाहिर की है। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद तो राजपूत समाज उग्र होकर आंदोलन पर उतर पड़ा। पूरे प्रदेश में राजपूत समाज ने विरोध प्रदर्शन किए। जिसके चलते सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा, हालांकि इन आंदोलनों के कारण सरकार व पार्टी के साथ समाज की दूरियां बढ़ती गई। अलवर, अजमेर और मांडलगढ़ चुनाव में तो राजपूत समाज ने बाकायदा खुलेआम ऐलान करते हुए भाजपा प्रत्याशियों को हराने और कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की अपीलें की और राजपूत बहुल इलाकों में सभाएं भी की। इससे इन तीनों सीटों पर भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी।
अभी भी राजपूत समाज खासकर पश्चिमी राजस्थान का काफी आक्रोशित है। यह नाराजगी विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में भारी ना पड़ जाए, इसे देखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व ने राजपूत समाज के कद्दावर नेता गजेन्द्र सिंह शेखावत पर दांव खेला है। विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत करने वाले शेखावत लम्बे समय तक युवा मोर्चा, किसान मोर्चा और भाजपा में एक्टिव रहे। संगठन के प्रति उनकी वफादारी और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला किया है। शेखावत की ब्राह्मण, वैश्य समेत अन्य समाज में भी पसंद किए जाते हैं। हालांकि अभी तक पार्टी नेतृत्व ने शेखावत के नाम पर अधिकारिक मुहर नहीं लगाई है। लेकिन उनके नाम पर लगभग सहमति बन गई है। बस घोषणा होना बाकी है। गौरतलब है कि बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफे देने की बात सामने आई थी। मीडिया में मामला आने पर परनामी ने कहा कि उन्होंने सोलह अप्रेल को ही इस्तीफा भेज दिया था। परनामी के इस्तीफे के बाद नए अध्यक्ष पद को लेकर अटकलें शुरु हो गई थी। इस पद के लिए गजेन्द्र सिंह शेखावत के अलावा सतीश पूनिया, अरुण चतुर्वेदी समेत एक दर्जन नाम दौड़ में थे। लेकिन सहमति गजेन्द्र सिंह के नाम पर बनी।