delhi. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इलेक्ट्रॉनिक शुल्क संग्रह में पहली बड़ी सफलता हासिल की जब आज प्रत्येक टोल प्लाजा पर फास्ट टैग गलियारे का परिचालन प्रारम्भ हुआ। अब फास्ट टैग से युक्त वाहन राजमार्गों के टोल प्लाजा पर बिना रुके फास्ट टैग गलियारे से जा सकेंगे।
फास्ट टैग एक आरएफआईडी टैग है जो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन (बैंक और सेवा केन्द्रों) उपलब्ध है। एनएचएआई ने 17 अगस्त 2017 को फास्ट टैग प्राप्त करने में आसानी के लिए 2 मोबाइल एप भी लांच किये हैं। केवल 2 सप्ताह में ही हजारों लोगों ने आवेदन पत्र डाउनलोड किये और फास्ट टैग खरीदा। 31 अगस्त 2017 तक फास्ट टैग का उपयोग बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया।
सरकार ने यह व्यवस्था की है कि एक अक्टूबर 2017 से बेचे जाने वाले सभी नये वाहन एक्टिव फास्ट टैग से युक्त होंगे। देश के 6 हजार डीलर ‘फास्ट टैग पार्टनर एप’ का उपयोग कर सकते हैं और वाहन को सुपूर्द करते समय फास्ट टैग को सक्रिय कर सकते हैं।
एनएचएआई ने बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान भी प्रारम्भ किया है ताकि उपयोगकर्ताओं को इसके फायदों की जानकारी मिल सके। एनएचएआई के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से टोल प्लाजा जाने का सुझाव दिया गया है ताकि वे इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह गलियारे का जायजा ले सकें। एनएचएआई की योजना है कि जैसे-जैसे फास्ट टैग की संख्या बढ़ेगी वैसे ही अधिक-से-अधिक गलियारों को ईटीसी के अंतर्गत लाया जाएगा।