– हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद से बाजार तक हंगामा, विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।
नई दिल्ली. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद से बाजार तक हंगामा मचा रहा। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडाणी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया। इसके बाद कंपनी के शेयर 35% तक गिर गए। हालांकि इसके बाद शेयर में रिकवरी आई और यह केवल 2.19% की गिरावट के साथ 1,531 रुपए पर बंद हुए। निचले स्तर से शेयर में 50% की रिकवरी देखने को मिली। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों से अडाणी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। इधर, हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एडवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और उनके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, जिन्हें शेयर की कीमत गिरने से नुकसान हुआ है। अडाणी ग्रुप में एसबीआई और एलआईसी का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का शेयर मार्केट नियमों के मुताबिक चल रहा है। अडाणी के बिजनेस विवाद की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाने की आशंका नहीं है। सरकारी बैंक एसबीआई ने अडाणी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने पिछले कुछ साल में अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले एलआईसी का ग्रुप के शेयरों से प्रॉफिट 81,000 करोड़ रुपए था, जो 2 फरवरी को 43,000 करोड़ रुपए रह गया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।
– सोमवार को देशभर में प्रदर्शन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। इसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 पार्टियां शामिल हुईं। इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता 6 फरवरी को देशभर के जिलों में स्थित एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, अडाणी स्टॉक क्रैश से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं है। एनएसई ने अडाणी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स लिस्ट में शामिल किया है। इनमें अडाणी पोर्ट, अडाणी एंटरप्राइजेज, और अबुंजा सीमेंट शामिल है। इसका लक्ष्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। किसी शेयर में उतार-चढ़ाव होने पर उसे निगरानी में डाला जाता है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों से अडाणी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। हालांकि, बैंकों ने कहा है कि अडाणी ग्रुप में उनका निवेश सुरक्षित है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुईस ने मार्जिन कर्ज देने के लिए समूह के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकारना बंद कर दिया। सिटी ग्रुप ने भी कंपनी की लैंडिंग वैल्यू हटा दी। इस मामले में रेटिंग एजेंसी मूडीज का बयान आया है। एजेंसी ने कहा अडाणी ग्रुप की नकदी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अभी उनके लिए फंड जुटाना मुश्किल होगा। इधर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है हम अडाणी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं। अभी उनकी रेटिंग पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हमारी नजर बनी हुई है। अडाणी ग्रुप की 8 कंपनियों को फिच रेटिंग मिली है।
– महाघोटाले के कारण करोड़ो रूपए डूबे: जयराम रमेश
कांग्रेस पार्टी लगातार इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार तक संसद स्थगित होने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि संसद सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई क्योंकि विपक्ष पीएम से जुड़े अदानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहा है, जिसके कारण करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है। सरकार कह रही है कि सांसद जनता के पैसे की बर्बादी कर रहे हैं। इस महाघोटाले से पिछले कुछ दिनों में लोगों के करोड़ों रुपए डूबे,उसका क्या?
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