bikaner land scam

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने आज कहा कि बीकानेर जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के संबंध में उसने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस घोटाले का संबंध कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से है। एजेंसी ने बताया कि उसने इस मामले में मुख्य धोखेबाजों- जयप्रकाश बागरवा और अशोक कुमार को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया है। इस मामले में ये पहली गिरफ्तारियां हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों कल रात राजस्थान की राजधानी जयपुर से गिरफ्तार किये गये और आज वहां उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। ईडी ने कहा, ‘‘अशोक कुमार मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के महेश नागर का करीबी सहयोगी है।’’ आरोप है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी फर्म कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी है। एजेंसी ने इस वर्ष अप्रैल में कुमार और नागर के परिसरों की तलाशी ली थी। उसने कहा था कि इस फर्म द्वारा बीकानेर में जमीन खरीद के चार मामलों में ‘‘आधिकारिक प्रतिनिधि’’ नागर ही था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कुमार ने अन्य लोगों की ‘‘पावर ऑफ अटॉर्नी’’ का इस्तेमाल कर इसी क्षेत्र में जमीन खरीदी थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की यह जांच कुछ वर्ष पहले राजस्थान में बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा कथित रूप से 275 बीघा जमीन खरीदे जाने से जुड़ी है। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत ईडी ने इस संबंध में कई सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों की 1.18 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने राजस्थान पुलिस की प्राथमिकियों का संज्ञान लेने के बाद इस संबंध में 2015 में मामला दर्ज किया था। तहसीलदार ने कथित धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस मामले में एजेंसी ने वाड्रा से जुड़ी कंपनी को भी नोटिस जारी किये थे और उसे कुछ दस्तावेज हासिल किये। वैसे ईडी ने प्राथमिकी में वाड्रा या उनसे जुड़ी किसी कंपनी के नामों का जिक्र नहीं किया है। प्राथमिकी में राजस्थान सरकार के कुछ अधिकारियों एवं ‘भूमि माफिया’ के नाम हैं।

वाड्रा ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया। राजस्थान सरकार ने जनवरी 2015 में 374.44 हेक्टेयर जमीन की दाखिल-खारिज रद्द कर दी थी क्योंकि भू विभाग ने दावा किया था कि आवंटन अवैध निजी व्यक्तियों को किये गये। तहसीलदार ने शिकायत में कहा था कि बीकानेर के 34 गांवों में सरकारी जमीन, जो सेना के फायरिंग रेंज के विस्तार में उपयोग में आनी थी, को भू माफिया ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जाली एवं मनगढंत दस्तावेजों के आधार पर हथिया ली थी। ईडी को संदेह है कि फर्जी दस्तावेजों के माध्य से सस्ते दाम पर लोगों ने जमीन खरीदकर विशाल धन का शोधन किया था।

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