जयपुर। बीते दिनों बीकानेर में एक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी। जिसे लेकर पिछले दिनों से लोगों में काफी रोष है। मगर बालिका के परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। पुलिस अपनी और से क्या कार्रवाई कर रही है यह तो पुलिस ही जाने मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो इसमें भी अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगे हुए । जिससे बालिका के परिजनों को न्याय तो मिलना दूर बल्कि उन्हें इससे और पीढ़ा हो रही है। इस केस में जिस तरह से घटना के बाद ग्रामीणों ने आरोपियों को पकड़ कर थाने के पुलिसकर्मियों से कहा था कि हमने आरोपियों को पकड़ लिया है आप आ जाईए, मगर पांचू थाने के पुलिसकर्मी वहां नहीं गए उल्टा ग्रामीणों से कहा कि उन आरोपियों को आप ही पकड़ कर थाने ले आओ। आखिर में ग्रामीणों को ही आरोपियों को थाने लाना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब आमजन ही आरोपियों को पकड़ कर थाने लाएगा तो पुलिस क्या करेगी। बस यहीं से इस घटना में राजनीति शुरु हुई।

विश्नोई समाज ने पांचू थाने क्षेत्र में नाबालिग बालिका के दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई तथा एक ही समाज के पुलिसकर्मियों को पांचू थाने से हटाने की मांग के मामले में विश्नोई समाज भी कूद पड़ा है। तथा नागौर के विश्नोई समाज एवं अखिल भारतीय विश्नोई समाज ने मुख्यमंत्री के नाम नागौर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है और उन्होंने कहा है कि नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। दोषी बचने नहीं चाहिए। लेकिन एक समाज विशेष के पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने ज्ञापन में लिखा कि बालिका की हत्या के बाद मांग की गई थी कि पांचू थाने से समाज विशेष के सारे पुलिसकर्मी हटाए जाएं जो न्यायोचित नहीं है। वहीं पांचू क्षेत्र के लोगों ने भी पांचू थाना के बचाव में बाजार और कस्बे को बंद करवा दिया। अब देखना यह है कि प्रशासन इस घटना से कैसे निपटता है क्योंकि एक तरफ तो बालिका की मौत के नाम पर राजनीति करने वाले ये नेता हैं दूसरी ओर उस बालिका के परिजन हैं जो सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं कि उनकी बच्ची को न्याय कब मिलेगा। मगर सरकार को चाहिए कि इस मामले में राजनीति करने वालों की बातों पर ध्यान न देकर सिर्फ बालिका को न्याय दिलाने पर अपना ध्यान केंद्रीत करे। यही उस बालिका को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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