लखनऊ। प्रदेश सरकार कल से शुरू हो रहे विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन विधेयक पेश करेगी। यह विधेयक पैतृक भूमि में मृतक पुत्र की अविवाहित पुत्रियों को अधिकार का प्रावधान करता है।राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बजट सत्र में ‘उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2018’ पेश किया जाएगा और उम्मीद है कि यह पारित भी हो जाएगा।’’ विधेयक में धारा 108 और धारा 110 में संशोधन से पैतृक भूमि में मृतक पुत्र की अविवाहित पुत्री को अधिकार का प्रावधान किया गया है।उन्होंने बताया कि औद्योगिक निवेश का अनुकूल वातावरण तैयार करने की दृष्टि से यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण होगा।कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि विधेयक के मसौदे को कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी है। संशोधन विधेयक में कुछ धाराओं को संशोधित किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा-77 में संशोधन से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना, डेडीकेटेड फ्रेट कारिडार परियोजना, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे परियोजना जैसी सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए आरक्षित श्रेणी की भूमि के पुनर्ग्रहण में सहजता आ सकेगी।उन्होंने बताया कि धारा-80 में संशोधन से कृषि भूमि के औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय प्रयोजन के लिए भू उपयोग के परिवर्तन की प्रक्रिया सरल हो सकेगी।प्रवक्ता ने बताया कि धारा 94 और 95 में संशोधन से कृषि योग्य भूमि के पट्टे पर दिये जाने से कृषि को बढ़ावा मिलेगा और सौर उर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि पट्टे पर उपलब्ध हो सकेगी। इससे प्रदेश में बिजली उत्पादन में बढोत्तरी संभव होगी।