जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षक दिवस समारोह की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रही है। राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए इस समारोह के आयोजन में पहली बार शिक्षकों में भी भेदभाव बरता जा रहा है तथा इस आयोजन पर पहली बार 11.51 करोड़ रूपये सरकारी कोष से खर्च किये जा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों में केवल नव-चयनित शिक्षकों को ही इस समारोह में उपस्थित होने के लिये पाबन्द किया गया है कि यदि वे जयपुर स्थित अमरूदों के बाग में आयोजित इस समारोह में उपस्थित नहीं होंगे तो उनके वेतन में कटौती की जायेगी। किसी राजकीय समारोह में उपस्थित होने वाले नव-चयनित शिक्षकों को यात्रा भत्ता भी पहली बार दिया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षक समारोह में जन-आक्रोश को लेकर भी आशंकित है, इसीलिये सरकार ने अपने स्तर पर समारोह में भाग लेने वाले शिक्षकों को काले रंग के कपडे नहीं पहनने तथा अपने साथ किसी भी काली वस्तु को लेकर नहीं आने के लिये विशेष तौर पर पाबन्द किया गया है। गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार 4 सितम्बर को अनुसूचित जाति/ जनजाति की ऋण माफी योजना के लाभान्वितों एवं नव-नियुक्त सफाईकर्मियों को भी जयपुर में बुला रही है। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को बार-बार बुलाकर उन्हें लाभान्वित होने का अहसास कराकर मुख्यमंत्री लाभान्वितों को शर्मिन्दगी महसूस करवा रही है।
किसी भी सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम लागू किया जाना उनका प्राथमिक दायित्व है। जबकि भाजपा सरकार लाभार्थियों को बार-बार बुलाकर अपने राजनैतिक स्वार्थ की पूर्ति का माध्यम बना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे विधानसभा चुनाव नजदीक आते देखकर हताशा और निराशा में ऐसे कदम उठा रही है। लाभार्थियों की भीड़ एकत्रित कर अपनी लोकप्रियता प्रदर्शित करने का नया तरीका निकाला है, जो लोकतांत्रिक दृष्टि से किसी भी रूप में उचित नहीं माना जा सकता है। गौरव यात्रा के दौरान भी मुख्यमंत्री ऐसी लोक-लुभावन घोषणाएं कर रही है, जिन्हें पूरा करना अब उनके बस में नहीं है।