जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा राज्य में बिना बजट घोषणा और वित्तीय प्रावधान के आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में अब 24-25 सितम्बर को जयपुर में पांच सितारा होटल क्लार्क्स आमेर में ‘हायर एज्यूकेशन एण्ड ह्यूमन रिसोर्सेज कॉन्क्लेव (एच.ई.एच.आर.सी.) का आयोजन कर चुनावी लाभ लेने के लिए जनता के धन का फिर दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके लिए जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी।
गहलोत ने कहा कि पहले लाभार्थी जनसंवाद के नाम से प्रधानमंत्री जी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी प्रकार एससी/एसटी के लाभार्थियों, सफाई कर्मचारियों का, नव चयनित शिक्षकों और हैड कान्सटेबल पदोन्नति के कार्यक्रम राजनीतिक लाभ उठाने के लिए आयोजित किये गये। बिना वित्तीय प्रावधान के इन कार्यक्रमों पर भारी-भरकम खर्च किया जा रहा है। इससे बड़ा मजाक क्या होगा?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से इस कॉन्क्लेव में राज्य के महाविद्यालयों के पृष्ठभूमि विशेष के कॉलेज शिक्षकों को सम्मानित और शामिल करने का कार्यक्रम निश्चित किया गया है। इस कॉन्क्लेव के आयोजन की जिम्मेदारी दुबई की एक कम्पनी को सौंपी गई है। बिना बजटीय प्रावधान के इस महंगे आयोजन पर खर्च कहां से किया जा रहा है?
श्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2013 में राजस्थान लोक सेवा आयोग को 1300 व्याख्याताओं की अभ्यर्थना भेजी गयी थी।
उसमें से अब तक 100 के अलावा नियुक्तियां भी नहीं दी जा सकी है। राज्य के कॉलेजों में व्याख्याताओं के आधे से अधिक पद खाली है, जिन्हें भरने के लिए सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उच्च शिक्षा विभाग में लगभग 4000 स्थानांतरण किये गये है। जिससे भी उच्च शिक्षा के हालात बिगड़े हुए है। सरकार हालात सुधारने के बजाय सरकारी मशीनरी के बल पर चुनावी फायदा उठाने की नाकाम कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लाभार्थी संवाद के नाम पर राजनीतिक लाभ उठाने में तत्परता दिखा रही है। अपने चुनावी वायदों को तो दरकिनार किये हुए है और नित नये वायदे कर रही है। भाजपा ने अपने सुराज संकल्प पत्र (घोषणा-पत्र) में सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालन हेतु एक नियामक बोर्ड के गठन का वायदा किया था, जो आज तक गठित नहीं हुआ है।