Sachin Pilot
PCC chief Sachin Pilot, Robert Vadra, ground scam, CBI probe, abuse

जयपुर। जी हां, यह सच है। भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व कांग्रेस के दिग्गज नेता और पीसीसी चीफ सचिन पायलट को पार्टी में शामिल करने के लिए जोर-आजमाइश में लगी है। सचिन पायलट राजस्थान के जाने-पहचाने नेता है और सभी समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। खासकर गुर्जर समाज के राजस्थान ही नहीं देश के सर्वमान्य नेता है। सरल, सौम्य के साथ दमदार वक्ता के तौर भी जाने जाते हैं। वैसे भी जब से वे पीसीसी चीफ बने हैं, तब से उन्हें अपने विरोधी खेमों से कड़ी चुनौती मिली हुई है। वे फ्री हैण्ड होकर काम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि तीन साल के दौरान पार्टी की मजबूती के लिए काफी मेहनत की है। कार्यकर्ताओं में जोश भरा है। फिर भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी.जोशी गुट की तरफ से उनकी राजनीतिक चुनौतियां भी झेलनी पड़ रही है। उन्हें हटाने के लिए विरोधी खेमे लगे हुए हैं। इस बारे में वे केन्द्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा चुके हैं कि किस तरह से प्रदेश के वरिष्ठ नेता उन्हें फेल करने और पार्टी को कमजोर करने में लगे हुए हैं। केन्द्रीय नेतृत्व भी इस बारे में समझता है और उन्हें फ्री हैण्ड होकर कार्य करने के निर्देश दे रखे हैं। लेकिन गुटों में बंटी कांग्रेस, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की खींचतान व सहयोग नहीं मिलने से पूरी ऊर्जा के साथ पायलट काम नहीं कर पा रहे हैं और कुछ जिलों को छोड़कर उन्हें सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है। पायलट के साथ विकट हालात को देखते हुए भाजपा को लगता है कि वे अपने राजनीतिक करियर के लिए पार्टी छोड़ सकते हैं। इसलिए भाजपा अभी से उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए लग गई है। उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया जा चुका है। यह भी आश्वासन दिया है कि अगर पार्टी ज्वाइन करते हैं तो उन्हें केबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है और भविष्य में राजस्थान की राजनीति की कमान भी दी जा सकती है। वैसे भी कांग्रेस में विरोधी खेमा पायलट के पीछे पड़ा हुआ है और उन्हें हटाने की मुहिम में लगा है। पायलट को अगर हटाने की कार्रवाई होती है तो संभवतया: वे पार्टी को छोडऩे और भाजपा से जुडऩे की सोच सकते हैं। वैसे राजनीतिक सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा सचिन पायलट ही नहीं कांग्रेस के उन युवा नेताओं पर डोरे डाल रही है, जिनकी ना केवल अपने क्षेत्र-समाज में पकड़ है, बल्कि वे जनता में अच्छी इमेज हैं और ऊर्जावान है। यहीं नहीं वे भविष्य के नेता भी साबित हो सकते हैं। कांग्रेस के ऐसे तमान नेताओं को पार्टी से जोडऩे के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इनसे सम्पर्क साधा है। पार्टी में आने पर उन्हें संगठन और सरकार में उच्च पद देने के भी ऑफर दिए गए हैं। यह भी आश्वासन दिया गया है कि पार्टी उनका पूरा मान-सम्मान रखेंगी। जो वो चाहते हैं, वे भी पूरा करने का भरोसा दिया है। बताया जाता है कि सचिन पायलट के अलावा मध्यप्रदेश से ज्योतिराव सिंधिया, महाराष्ट्र से मिलिन्द देवड़ा व नारायण राणे, गुजरात से पुराने भाजपा नेता शंकर सिंह बाघेला समेत कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को भगवा रंग में रंगने की तैयारी हो रही है। यह अलग बात है कि इनमें से किसी ने भी भाजपा के प्रस्ताव को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह भी चर्चा है कि किसी ने भाजपा को इनकार भी नहीं किया है। चर्चा यह भी है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद एक के बाद अधिकांश राज्यों से कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने से कई प्रभावशाली क्षेत्रीय नेता उलझन में है। केन्द्रीय स्तर पर पार्टी में कमजोरी और मजबूत नेतृत्व नहीं होने के चलते उन्हें लगता है कि आगामी चुनावों में भी पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है। ऐसे में वे पाला बदलने की सोच रखते हैं। यूपी, बिहार, उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनावों से पहले बहुत से कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस पार्टी के युवा व जनाधार नेताओं में भी ऐसी कुछ स्थिति से गुजर रहे हैं, वे पार्टी की वर्तमान कमजोर स्थिति को देखते हुए अपने भविष्य की राजनीति संवारने के लिए पाला बदलने की कोशिश में है। यह अलग बात है कि पीढ़ी दर पीढ़ी कांग्रेस की छत्रछाया में राजनीति में जगह बनाने वाले ऐसे कितने नेता पाला बदल पाते है।

LEAVE A REPLY