जयपुर। घटिया पेयजल पाइप लाइन डालने और सरकार को चौदह लाख रुपए की चपत लगाने के मामले में आरोपी ठेकेदार भैरूराम जाट की अग्रिम जमानत अर्जी एसीबी कोर्ट में जज सतीश कुमार ने खारिज कर दी है। जाट सीकर के एक भाजपा विधायक के खास माने जाते हैं। वे भी इस मामले में आरोपी है। 2006 में हुए इस अपराध को लेकर एसीबी 2 जून 2011 को एफआईआर दर्ज कर आरोपी तत्कालीन बीडीओ उम्मेद सिंह राव, जेईएन कृष्ण कुमार गुप्ता, कनिष्ठ लेखाकार नेहरू लाल जाट को गिरफ्तार कर चुकी है।
तीनों हाईकोर्ट के आदेश से जमानत पर हैं। इस मामले में एसीबी ने तत्कालीन प्रधान व वर्तमान में एमएलए झाबर सिंह खर्रा को भी मुल्जिम मान रखा है। आरोपियों के खिलाफ एसीबी को अभियोजन स्वीकृति भी मिल चुकी है। मुकदमे में आरोपी तत्कालीन बीडीओ बीरबल राम चौधरी को भी एसीबी ने दोषी मानकर मुकदमा चलाने के लिए कार्मिक विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, लेकिन सरकार ने स्वीकृति नहीं दी। एसीबी ने रिव्यू अर्जी दी, लेकिन उसे भी नामंजूर कर दिया। बीरबल पर आरोप है कि टैंडर में सामग्री की मात्रा, क्वालिटी राशि आदि का प्रकाशन नहीं किया। निविदा 30 दिन की होनी चाहिए, 11 दिन की ही रखी। 10 लाख से अधिक के टैंडर डीपीआर के माध्यम से राज्य व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र में जारी होने चाहिए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं की।
ठेकेदार भैरूराम ने ही अन्य दो फर्जी निविदा भरी थीं। निविदा स्वीकृत करने व आदेश देने का कार्य बीडीओ का ही होता है। ठेकेदार ने छह किलोग्राम प्रेशर की बजाय चार किलोग्राम प्रेशर के पाइप काम में लिए। खामियों के बावजूद ठेकेदार को 27 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। मामला उजागर होने पर घटिया पाइपों के नमूने गायब कर दिए गए।