– हाईकोर्ट ने माफी मांगते ही अवमानना याचिका निस्तारित की
जयपुर। सार्वजनिक पार्क में वाहन पार्किंग बनाने का बयान देकर फंसे और इस बयान पर अवमानना का सामना कर रहे बीजेपी प्रेसीडेंट अशोक परनामी शुक्रवार को यहां राजस्थान राजस्थान हाईकोर्ट में पेश हुए। अशोक परनामी ने लिखित जवाब पेश करते हुए इस मामले में माफी मांगी और कहा कि उनकी मंशा कोर्ट की अवमानना करना नहीं था। वे कोर्ट आदेशों का सम्मान करते हैं। वे अपने बयान के लिए माफी मांगते हैं।
न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने परनामी के इस जवाब और माफी मांगने पर याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि लिखित आदेश के सिवाय कुछ प्रकाशित नहीं किया जाए। इस मामले में गुरुवार को कोर्ट ने परनामी को बुलाया था, लेकिन उनके नहीं आने पर दोपहर दो बजे तक पेश होने को कहा। इस पर परनामी कोर्ट पहुंचे और उनके वक्त्वय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत छापा गया है। वह पूरा बयान नहीं है। परनामी के वकील के आग्रह पर कोर्ट ने शनिवार को जवाब देने के निर्देश दिए, जिस पर परनामी ने आज जवाब दिया और माफी मांगी।
गौरतलब है कि एडवोकेट पीसी भण्डारी ने याचिका लगाई कि जोधपुर हाईकोर्ट ने मास्टर प्लान के तहत सार्वजनिक पार्कों में अतिक्रमण नहीं करने को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद विधायक अशोक परनामी ने जवाहर नगर सेक्टर 4 में पार्क की जमीन पर पार्किंग विकसित करने कह्ल संबंध में अपनी स्वीकृति दी है। 17 नवंबर 2०17 को परनामी ने लोगों को कहा कि हाईकोर्ट से स्टे होने के कारण सरकार पार्क में पार्किंग निर्माण नहीं कर सकती है। लेकिन स्थानीय लोग ऐसा करते हैं तो हम आंखें बंद कर लेंगे। परनामी के इस बयान को न्यायपालिका की साख गिराने वाला एवं न्यायपालिका की अवमानना माना गया।