जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भ्रष्ट व दागी लोकसेवकों को बचाने और मीडिया पर पाबंदी के लिए लाए गए सीआरपीसी और आईपीसी के संशोधित बिल का काला कानून बताते हुए इसे रद्द करवाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देने का बयान दिया है। पायलट ने आरोप लगाया कि इस बिल के माध्यम से भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट लोकसेवकों को बचाना चाहती है और अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह संशोधित बिल लाया गया है। इस बिल के विरोध को देखते हुए सरकार ने इसे प्रवर कमेटी को सौंपा का फैसला किया है, लेकिन हमें अंदेशा है कि बहुमत के आधार पर सरकार इसे लागू करवाएगी। जो प्रदेश और प्रदेशवासियों के हित में नहीं है। ऐसे में इस बिल को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। जब तक यह बिल खत्म नहीं कर दिया जाता है तब तक इसके खिलाफ आंदोलन चलता रहेगा ।
कर्जामाफी तक चलेगा आंदोलन
पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा में धरने पर बैठे कांग्रेस सदस्यों से मुलाकात की। कांग्रेस विधायक प्रदेश में किसानों की पूर्ण कर्जामाफी को लेकर मंगलवार से धरने पर है। वे तब तक धरने पर रहेंगे, जब तक किसानों की पूर्ण कर्जामाफी की घोषणा नहीं हो जाती है। सचिन पायलट ने भी कहा है कि जब यूपी, कर्नाटक, पंजाब और दूसरे राज्यों में किसानों की कर्ज माफी हो सकती है तो राजस्थान के किसानों ने क्या गुनाह किया है। यहां के किसानों की हालात दयनीय है। बहुत से किसान कर्जे के चलते सुसाइड कर चुके हैं। ऐसे में इन्हें कर्जा माफी की जानी चाहिए। इस मांग को लेकर कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाती रहेगी। कर्जामाफी करवा कर ही दम लेगी।