जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस में तीन जनों की मौत के मामले में आरोपी निर्दलीय विधायक नंदकिशोर महरिया के बेटे सिद्धार्थ महरिया के रक्त नमूने बदलने के मामले में दोषी पाए गए जयपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक निदेशक डॉ.विनोद जैन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। गृह विभाग की जांच में दोषी करार दिए जाने के बाद मंगलवार को जयपुर के शास्त्री नगर थाने में डॉ. विनोद जैन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो गया है। जल्द ही पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है और उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। डॉ.विनोद जैन ने विधायक बेटे सिदधार्थ महरिया के रक्त नमूना को ही बदल दिया था। महरिया ने शराब के नशे में बीएमडब्ल्यू कार चलाते हुए स्टेच्यू सर्किल के पास सेंट जेवियर स्कूल पर एक आॅटो रिक्शा को टक्कर मार दी थी। फिर यह गाड़ी अशोक नगर थाने की पीसीआर वैन से जा टकराई।
इस दुर्घटना में आॅटो में सवार तीन जनों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह शराब के नशे में था। वीडियो फुटेज में एक रेस्त्रां में शराब पीते हुए पाया गया। महरिया के रक्त नमूने लेकर एफएसएल को भेजे गए, जहां रक्त नमूने बदलने के आरोप डॉ. विनोद जैन पर लगे। रक्त नमूना में शराब नहीं पाई गई। इसकी शिकायत गृह विभाग को जयपुर पुलिस ने की, जिस पर जांच के बाद पाया गया कि डॉ. विनोद जैन ने महरयिा के नमूना को ही बदल दिया था। इस जांच रिपोर्ट के बाद विनोद जैन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। गौरतलब है कि डॉ. विनोद जैन पहले भी गलत रिपोर्ट देने के मामले में फंस चुके हैं। झुंझुनूं के बहुचर्चित फौजी शीशराम जाट मर्डर केस में भी जैन ने गलत रिपोर्ट दी थी। इस मामले में रिपोर्ट में जहर नहीं मिलने की बात लिखी दी थी। दिल्ली सीएफएसएल में रक्त व विसरा जांच हुई तो उसमें जहर होना पाया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर मृतक शीशराम के पिता रामदेव सिंह ने डॉ. विनोद जैन के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसमें अनुसंधा चल रहा है।