kalayugee
murder

जयपुर। करीब साढ़े चार साल पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर के घाटगेट क्षेत्र में दिनदहाड़े व्यापारी के गंडासे से दोनों हाथ काटकर हत्या को अंजाम देने वाले साथी व्यापारी को आज शनिवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश क्रम बारह जयपुर महानगर तिरुपति गुप्ता ने आरोपी व्यापारी अजय घोष को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए एक लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया। अजय घोष ने अपने साथी व्यापारी अशोक पाल की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने मामले में उन सात गवाहों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने कोर्ट में झूंठी गवाही दी। कोर्ट ने आदेश में 26 अक्टूबर, 2013 को कार्यरत अपर लोक अभियोजक के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि अपर लोक अभियोजक ने गवाह केका और गणेश के कथन लेखबद्ध करने में अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन नहीं किया। विधि विभाग के सचिव को आदेश की प्रति भिजवाकर अपर लोक अभियोजक के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश में मृतक आनन्दपाल की मासूम बेटी और पत्नी को विधिक सेवा प्राधिकरण से उचित क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए जाने के निर्देश दिए हैं।

– सरेराह गंडासे से दोनों हाथ काट डाले, लोग देखते रहे

दो साल पहले नियुक्त अपर लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने कोर्ट को बताया कि 10 जुलाई, 2012 को रामगंज थाना क्षेत्र के घाटगेट इलाके में आरोपी अजय घोष ने दिनदहाड़े सरेराह साथी अशोक पाल के साथ मारपीट की। फिर साथ में लाए गए गंडासे से उसका हाथ काटा डाला। काटे हाथ के बाद वह सड़क पर दौड़ता रहा, लेकिन अजय घोष ने उसका पीछा करते हुए दूसरा हाथ भी गंडासे से अलग कर दिया। लहुलूहान हालात में उससे हाथ-पैरों से मारपीट भी की। इस दौरान वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी अजय घोष को नहीं रोका और ना ही अशोक पाल को बचाया। दोनों हाथ काटने के बाद अजय घोष गंडासा हाथ में लिए वहीं खड़ा रहा। सूचना पर पहुंची रामगंज थाना सीआई नरेन्द्र शर्मा व पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार किया। अस्पताल में अशोक पाल की मौत हो गई। अजय घोष ने पुलिस पूछताछ में बयान दिया कि अशोक पाल व वह जवाहरात का धंधा करते थे। करीब आठ लाख रुपए का माल अशोक पाल ले चुका था, लेकिन उस माल की कीमत नहीं लौटा रहा था। इस वजह से उसने अशोक पाल की हत्या कर दी। तब कई प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने हत्या के संबंध में गवाही दी। बाद में जिरह के दौरान सात गवाह अपने पूर्व बयानों से मुकर गए। जिनके खिलाफ कोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

LEAVE A REPLY