जयपुर। केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुविधाग्रस्त कांग्रेस का संगठन और कार्यकर्ता दोनों ही दुविधाग्रस्त है। कांग्रेस पाँचों राज्यों में चुनाव हारेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता इस दुविधा में है कि राहुल गाँधी का धर्म क्या है और जाति क्या है? कांग्रेस का कार्यकर्ता इस दुविधा में है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का महागठबंधन बनेगा या नहीं और महागठबंधन के नेता राहुल गाँधी होंगे या नहीं। जो राहुल गाँधी पहले अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बना रहे थे, अब कभी आस्थावान हिन्दू होते हैं, तो कभी स्वयं को शिवभक्त बताते है, तो कभी जनेऊधारी ब्राह्मण बताते है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी कभी शैव, कभी शाक्त तो कभी वैष्णव बन जाते है। चुनाव के समय अपनी सुविधानुसार वे छवि गढ़ने का प्रयास कर रहे है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि ऐसे दुविधाग्र्रस्त राहुल गाँधी कह रहे है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हिन्दू होने का मतलब नहीं पता है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने राजस्थान में आकर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम तो लिया, किन्तु वे पद्मिनी को भूल गये। राहुल गाँधी कहते हैं कि 21वीं सदी में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाऐं सस्ती होनी चाहिए। वे बताऐं की केन्द्र में 10 वर्ष के उनके शासनकाल में ये सेवाऐं कितनी सस्ती हुई। अब वे सŸाा में आते ही 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करने की बात करते है, जिन राज्यों में उनके मुख्यमंत्री हैं, वहाँ तो उन्होंने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया।
सुषमा स्वराज ने पी. चिदम्बरम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के 10 वर्ष के शासनकाल में जी.डी.पी. की औसत वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत थी। भाजपा के प्रारम्भ के 3 वर्षों में यह 7.3 प्रतिशत तथा इस वर्ष 7.6 प्रतिशत है। भाजपा के शासनकाल में भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। ‘‘ईज आॅफ डूइंग’’ के मामले में कांग्रेस के शासन काल में भारत 142वें स्थान पर था, जो कि भाजपा के शासनकाल में 77वें स्थान पर आ गया है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में राजस्थान बीमारू राज्य से सुचारू राज्य बन गया है। भाजपा का एक ही मुद्दा है ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’।