जयपुर, 18 फरवरी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सचिन पायलट ने कृषि कनेक्शन पर बढ़ी हुई विद्युत दरों को सरकार द्वारा रोलबैक किये जाने को किसान व कांग्रेस के संघर्ष की जीत बताया है।
श्री पायलट ने आज एक बयान जारी कर कहा कि गत् वर्ष सितम्बर माह में सरकार ने हर उपभोक्ता श्रेणी पर विद्युत दरों को बढ़ाकर अप्रत्याशित आर्थिक भार डाला था जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश व जिला स्तर पर आन्दोलन कर सरकार के नाम ज्ञापन दिये थे जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया था कि सरकार छीजत व बिजली चोरी को रोक पाने में नाकाम रही है जिसकी भरपाई के लिए उपभोक्ताओं पर विद्युत दरें बढ़ाकर भार डाला गया है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस के नेताओं ने पूरे प्रदेश में जाकर किसानों के बीच उनके हालातों का जायजा लेकर सरकार को समय-समय पर सावचेत किया था कि सरकार का यह निर्णय आपदाओं की मार झेलने वाले किसानों की कमर तोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्युत दरों को रोलबैक कर साबित कर दिया है कि सरकार ने अनावश्यक भार डालकर प्रदेश के किसानों व आम जनता को बढ़ी महंगाई के दौर में आर्थिक भार झेलने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब जिलों व संभागों के दौरे किये थे तब उसे जनविरोधी नीतियों के कारण आम जनता का विरोध झेलना पड़ा। भाजपा ने निरंकुश प्रणाली के तहत अनेकों कर व उपकर लगाकर जनता पर बोझ लादा है।
श्री पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार ने विद्युत व्यवस्था के निजीकरण पर आमदा है। उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर अजमेर जिले की विद्युत व्यवस्था की कवायद जोरों पर है जिसके विरोध में अजमेर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जनहित में शहर बंद का आह्वान किया गया था जिसे जनता का पूरा समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा विद्युत इकाइयों का निजीकरण किया जा रहा है तथा कोटा, भरतपुर व बीकानेर की विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में दिया जा चुका है जो जनहित के साथ समझौता है।
उन्होंने कहा कि आगामी 22 फरवरी को सीकर में किसान रैली आयोजित होगी जो कांग्रेस पार्टी व किसानों के संघर्ष को समर्पित होगी जिसके माध्यम से आगामी समय में कांग्रेस पार्टी सरकार पर सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई विद्युत दरों को वापस लेने के लिए, सीवीआर के आतंक से किसानों को मुक्त करवाने के लिए व विद्युत व्यवस्था का निजीकरण नहीं किये जाने के लिए दबाव बनायेगी।