जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जयपुर में वार रुम बनाकर चुनावी प्रबंधन संभालने की गतिविधियों पर ब्रेक लग गया है। अमित शाह के कर्नाटक चुनाव के बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में चुनाव वॉर रुम स्थापित करके चुनावी प्रबंधन देखने का काम होना था। इसके लिए जयपुर में तैयारियां भी चल रही है। हालांकि तैयारियों के बीच अमित शाह के दौरे पर फिलहाल रोक लग गई है।
इसकी वजह राजस्थान भाजपा अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो पाना है। प्रदेश अध्यक्ष पर सहमति नहीं बन पाने के कारण ना तो केन्द्रीय नेतृत्व अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पा रहा है और ना ही प्रदेश नेतृत्व में कोई सहमति होती दिख रही है। इस वजह से प्रदेश अध्यक्ष का मामला अटक गया है, वहीं अमित शाह के जयपुर में आकर चुनावी बिसात बिछाने का काम और प्रदेशव्यापी दौरे भी अटक गए है। शाह के कर्नाटक चुनाव के बाद जयपुर में आने का कार्यक्रम तय था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के मामले ने कार्यक्रम पीछे धकेल दिए है। जब तक प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो जाता है, तब तक शायद अमित शाह का आना मुश्किल बताया जा रहा है। वैसे भी प्रदेश अध्यक्ष के नाम का खुलासा नहीं होने से पार्टी की गतिविधियां शिथिल पड़ी हुई है। गुटबाजी उभर रही है, सो अलग। अगर सहमति से प्रदेश अध्यक्ष का मसला नहीं सुलझा तो विवाद ज्यादा बढ़ेगा। इसकी आंच विधानसभा चुनाव तक आएगी।
इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना होगा। हालांकि अपने अपने लोगों को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में लगे केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व में सुलह की संभावना जताई जा रही है। एकाध दिन में प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। इसके बाद ही अमित शाह के जयपुर में आने की संभावना है। शाह जयपुर में रहकर पार्टी को फिर से जिताने की रणनीति पर काम करेंगे। शाह के साथ पूरी टीम भी आएगी। इसके लिए एक बड़ा बंगला तैयार किया जा रहा है। चुनाव तक शाह हर महीने पांच-सात दिन राज्य के दौरे पर रहेंगे और चुनाव प्रबंधन पर नजर रखेंगे। अमित शाह पार्टी पदाधिकारियों और सरकार से फीडबैक लेंगे। कार्यकर्ताओं में जोश भरने का मंत्र देंगे। अगले महीने तक अमित शाह का वार रुम तैयार हो जाएगा, तब तक प्रदेश अध्यक्ष का मसला भी सुलझ जाएगा। ऐसे में अगले महीने के शुरुआती दिनों में शाह जयपुर में रहकर चुनावी प्रबंधन में लग जाएंगे।