नई दिल्ली। बीजेपी नेता और सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। येदियुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं। गवर्नर वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। राज्यपाल ने उन्हें 15 दिन के भीतर बहुमत सिद्ध करने को कहा है।उधर, शपथ ग्रहण के विरोध में कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा के बाहर धरना दिया।
वहीं कांग्रेस के दो विधायक गायब बताए जा रहे हैं। तोड़-फोड़ को रोकने के लिए कांग्रेस विधायकों को ईगलटन रिजॉर्ट में रखा गया है लेकिन बेल्लारी से कांग्रेस विधायक आनंद सिंह अब तक वहां नहीं पहुंचे हैं। कर्नाटक हैदराबाद क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी के समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन वे भी बुधवार रात से रिजॉर्ट में नहीं हैं। इनके भाजपा खेमे जाने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनाने के लिए शपथग्रहण की इजाजत तो दे दी है, लेकिन साथ ही शुक्रवार दोपहर तक समर्थक विधायकों की सूची सौंपने की शर्त भी लगा दी है। इसकी वजह से काफी संशय की स्थिति बन गई है। समर्थन सूची में कांग्रेस या जेडीएस के विधायकों के नाम शामिल किए जाएं तभी बहुमत होगा।
शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद ही कांग्रेसी नेताओं ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी के महामंत्री संगठन अशोक गहलोत की अगुवाई में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। गहलोत, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता विधानसभा परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समाने धरने पर बैठ गए। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) के नेता एचडी देवेगौड़ा भी धरने में शामिल हुए। अशोक गहलोत ने कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्री की हत्या हुई है। बहुमत कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के साथ है। हमारे सभी विधायक हमारे साथ हैं। भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता देना संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। यह प्रजातंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा को न तो विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला है और न ही उन्हें ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल हुआ है।