नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज देश का आम बजट पेश किया। इस बजट से देश के लोगों को कई सारी आशाएं थी कई लोग इसे सरकार का चुनावी बजट भी मानकर चल रहे हैं लोगों का कहना है कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाने चाहिए उसके मद्देनजर यह लोकलुभावन बजट हो सकता है हालांकि इस आम बजट से किसानों, बेरोजगारों, मध्यमवर्गिय परिवारों और छोटे व्यवसाईयों तथा करदाताओं को बड़ी राहत की उम्मीदें है वित्त मंत्री ने अपना बजट भाषण लगभग पूरा कर लिया है अब उनके दिए गए भाषण और उनकी द्वारा की गई बजट की घोषणाओं का मंथन करने के बाद विशेषज्ञ अपनी-अपनी राय देंगे और देश के लोग भी तोड़-तोड़ में लग जाएंगे कि उन्हें इस आम बजट से क्या मिला। आईए नजर डालते हैं इस आम बजट की खास बातों पर।
मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुए मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में 2018-19 का आम बजट पेश किया। इसमें आगामी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ करने तथा विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों (करीब 50 करोड़ लोगों) को प्रति परिवार पांच लाख रुपए सालाना चिकित्सा कवर देने की घोषणा की गयी है। किसानों को आगामी वित्त वर्ष में ऋण देने की राशि बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है। सौभाग्य योजना के तहत 16 हजार करोड़ रुपए से चार करोड़ गरीबों के घरों को बिजली के कनेक्शन देने और आगामी वित्त वर्ष में ह्य2022 तक अपना घरह्ण कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख मकान बनाने की भी घोषणा की गई।
रेलवे
वर्ष 2018 के बजट में भारतीय रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करने की घोषणा की। इसमें से अधिकांश राशि का इस्तेमाल क्षमता विस्तार पर किया जाएगा क्योंकि यह क्षेत्र रेलवे की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। रेलवे में 18,000 किमी लाइनों के दोहरीकरण के लक्ष्य का प्रस्ताव किया और रेलवे की क्षमताओं के दोहन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के मकसद से आमान परिवर्तन का काम जारी है। आगामी वर्ष में रेलवे के लिए 36,000 किमी रेल पटरियों के नवीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है जबकि अगले दो सालों में ब्राड गेज मार्गो पर 4267 मानव रहित रेलवे क्रासिंग को भी समाप्त किया जाएगा। सभी ट्रेनों में तेजी के साथ वाईफाई और सीसीटीवी नेटवर्क मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही 25,000 से अधिक यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों पर एस्केलेटर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
कृषि
सरकार कृषि जिंसों का निर्यात बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी। इस क्षेत्र का निर्यात 100 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है। फिलहाल देश का कृषि निर्यात 30 अरब डॉलर का है। देश के कृषि निर्यात के 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। अभी यह 30 अरब डॉलर है। इस क्षमता को हासिल करने के लिए कृषि जिंस निर्यात को उदार किया जाएगाह्णह्ण भारत दुनिया में कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में है। देश के कुल निर्यात में कृषि जिंसों का हिस्सा करीब 10 प्रतिशत है। भारत मुख्य रूप से चाय, कॉफी, चावल, मोटे अनाज, तंबाकूम, मसालों, फलों और सब्जियों तथा समुद्री उत्पादों का निर्यात करता है।
सरकार राजकोषीय
चालू वित्त वर्ष में कतिपय परिस्थितियों के कारण राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से थोड़ा बढ़कर 3.5 प्रतिशत रहेगा। बजट 2017-18 में इसको सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य था। वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है।
किसान
सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से आगामी खरीफ के दौरान अधिसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ गुना करने की आज घोषणा की। जेटली ने किसानों की आय बढाने की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए सभी विभागों के साथ मिलकर संस्थागत प्रणाली विकसित की जाएगी। इसके साथ ही किसानों को फसली ऋण सीमा को 10 लाख करोड़ रुपए से बढाकर अगले वित्त वर्ष में 11 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले इसके लिए दो हजार करोड़ रुपए की लागत से 22 हजार ग्रामीण बाजारों का ढांचागत विकास विकास किया जाएगा । इसके साथ ही आलू, टमाटर और प्याज के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत से ह्यआॅपरेशन ग्रीनह्ण योजना शुरू किया जाएगा। जिला स्तर पर विशिष्ट कृषि उत्पादन का कलस्टर मॉडल विकसित किया जाएगा तथा किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मत्स्य पालन और पशु पालन के लिए भी दी जाएगी। फलों और सब्जियों को नष्ट होने से बचाने तथा खाद्यान्नों के मूल्य संवर्धन के लिए 42 मेगा फूडपार्क कार्यान्वयन किया जाएगा।
शिक्षा क्षेत्र
नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर। सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है। अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उच्च शिक्षा के लिए 15 हजार करोड़ बजट बढ़ाया गया है, इससे इस क्षेत्र को 1.3 लाख करोड़ मुहैया करवाए जाएंगे। शिक्षकों के लिए दीक्षांत पोर्टल की शुरूआत की जाएगी।