कानपुर । कानपुर पुलिस के हाथ उस वक्त बड़ी सफलता लगी जब उन्होने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। गिरोह के सरगना समेत 10सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है। जिनके पास से अवैध चीजें और 18 फर्जी आधार कार्ड बरामद कर लिए गए है। असल की तरह काम करते थे ये आधार कार्ड,जानकारी के मुताबिक थाना बर्रा इलाके की विश्व बैंक कॉलोनी से 10 शातिर हैकर बायोमेट्रिक में सेंध लगाकर ऑरिजनल फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाकर आधार कार्ड को तैयार कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि जो आधार कार्ड गिरोह के द्वारा तैयार किए जा रहे थे वो असल की तरह ही काम करते थे। सरगना समेत 10गिरफ्तार, यह पूरा मामला तब सामने आया जब फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनने की भनक यूआईडीएआई के अधिकारियों को लगी और उन्होंने फौरन साइबर एक्ट के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।
यूपी एसटीएफ ने जांच शुरु कर दी। इसके बाद परत दर परत जोड़ने पर 10 लोगो को फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। भारी मात्रा में डिवाइस और अन्य सामान बरामद, वहीं गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कानपुर निवासी लीडर सौरभ सिंह, शुभम सिंह, सत्येंद्र कुमार, शोभित सचान, शिवम् कुमार, मनोज कुमार, तुलसीराम, कुलदीप सिंह, चमन गुप्ता,और गुड्डू गौड़ के रूप में हुई है। आरोपियों के कब्जे से 11 लैपटॉप, कागज पर बने 38 फिंगर प्रिंट,कैमिकल निर्मित आर्टिफिशियल फिंगर प्रिंट, 12 मोबाइल, 2 आधार कार्ड स्कैनर, 2 रेटिना स्कैनर,18 आधार कार्ड के साथ ही भारी मात्रा में अन्य सामान और डिवाइस बरामद हुए हैं। UIDAI से संबंध होने की आशंका- फिलहाल एसटीएफ अधिकारियों का यह भी दावा है कि जिसकी भी लापरवाही से यह सब हुआ है, उसकी जांच होगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ का मानना है कि इसके तार यूआईडीएआई में मौजूद जुड़े कुछ लोगों से हो सकते है, जिसकी जांच अभी की जा रही है कयोंकि ये सब काम बिना किसी अंदर के आदमी के बिना नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होने कहा आने वाले समय में कई और लोग भी पकड़े जाएंगे जो ऐसे आधारकार्ड बनकर सरकार और जनता के बीच जालसाज़ी का खेल खेल रहे हैं।