जयपुर। राजस्थान के इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। गंदे सपनों की धोरा-री धरती पर कोई जगह नहीं है। यह बात राजपूत करणी सेना शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कही। शुक्रवार को गुलाबी नगर जयपुर स्थित जयगढ़ किले में पद्मावती की शूटिंग के दौरान करणी सेना द्वारा की गई तोड़-फोड़ व मारपीट के मामले में करणी सेना प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि 16 हजार राजपूत महिलाओं के साथ जौहर करने वाली पद्मावती को अलाउद्दीन के साथ दर्शाना आखिर कैसे संभव है। अगर ऐसा होता है तो हमारे जिंदा रहने का औचित्य ही क्या रह जाएगा। पद्मावती ने जहां जौहर किया वहां देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित सभी जाते हैं। हर कोई जानता है कि उस स्थल और रानी पद्मावती का इतिहास क्या है। उस जौहर को आज भी पूजा जाता है तो वीरों की गाथा के तौर पर याद किया जाता है। इस स्थिति में अलाउद्दीन के सपनों में रानी के दृश्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सपनों के फेर में राजस्थान का गौरव, शौर्य, त्याग व बलिदान के इतिहास को किसी भी सूरत में खत्म नहीं होने दिया जाएगा। वे काल्पनिक कहानियां बनाते जाएं और हम यह सब देखते रहे, आखिर कैसे संभव है। राजस्थान में अब ऐसा नहीं चलेगा। हमें लिीखित में दें कि वे क्या करेेंगे और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि करणी सेना को अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। फिल्म के जरिए इतिहास से छेड़छाड़ कर भंसाली गलती कर रहे हैं। जो चीजें इतिहास में है ही नहीं उन्हें फिल्म में नहीं दिखाया जाना चाहिए। कालवी ने भंसाली को चुनौती देते हुए कहा कि क्या भंसाली की हैसियत है जर्मनी में जाकर हिटलर के खिलाफ फिल्म बनाने की? इधर करणी सेना की ओर से की गई मारपीट के बाद संजय लीला भंसाली और उसकी यूनिट ने पैकअप कर लिया। भंसाली में अब राजस्थान में फिर कभी शूटिंग नहीं करने का फैसला किया है। लिहाजा मुम्बई में सेट बनाकर फिल्म के दृश्यों को शूट करने का प्लॉन है। इधर शिव सेना ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने और राजा-रानियों के कथित चरित्र हनन के खिलाफ आवाज उठाई। शिव सेना ने कहा कि हिंदू राजा-रानियों के चरित्र हनन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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