जयपुर। जलदाय विभाग में राजधानी जयपुर के बड़े टेंडर एक बार फिर विवादों में पड़ सकते हैं। टेंडर हासिल करने के लिए ठेका कंपनियों ने दस्तावेजों में जमकर फर्जीवाड़ा किया है तो दूसरी ओर जयपुर प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ इंजीनियर्स इन फजीर्वाड़ों को छुपाने में लगे हैं। अब तक विवादों में चली आ रही जयपुर के खो-नागोरियान और गोनेर रोड वार्ड 49 व 50 से जुड़ी 58.51 करोड़ और जामडोली वार्ड 63 से जुड़ी 64.20 करोड़ लागत की दोनों पेयजल योजनाएं विवादों में पड़ सकती है। इन दोनों ही योजनाओं को हासिल करने के लिए ठेका कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज लगाए हैं।
बिड केपेसिटी को ज्यादा दिखाने के लिए ठेका कंपनियों ने अपने कई वर्किंग कार्य छुपाकर झूठे शपथ पत्र पेश किए हैं। वहीं दूसरी ओर विभाग के अधिकारियों ने भी कुछ चहेती ठेका कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर शर्तों में बदलाव किया है। इतना ही नहीं टेंडर ऐवलेबल क्रेडिट लिमिट की बजाए सेक्शन क्रेडिट लिमिट के आधार पर जारी किए, ताकि कंपनियां क्रेडिट लिमिट में फजीर्वाड़ा कर सके। 123 करोड़ से ज्यादा की लागत के ये दोनों टेंडर प्रोजेक्ट से जुड़े एक एक्सईएन और अतिरिक्त मुख्य अभियंता की मिलीभगत के चलते विवादों में पड़ सकते हैं।