Check bounce case

जयपुर.। पिंकसिटी में हो रही अव्यवस्थाओं पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने जेडीए और नगर निगम को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं आवारा सांड के हमले से हुई विदेशी पर्यटक की मौत के मामले में दोषी एजेन्सी या अफसरों से वसूली कर क्षतिपूर्ति उसके परिजनों को दिलाई जाए। अफसरों की अकर्मण्यता के कारण देश की छवि खराब हो रही है और लोगों की परेशानी बनी हुई है। हाईकोर्ट ने आवारा घूमने वाले कुत्ते, गाय-सांड और बंदरों से पिंकसिटी को मुक्त करने के संबंध में नगर निगम को शपथ पत्र भी पेश करने को कहा है।
हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा है कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात की जा रही है, लेकिन वर्तमान में ऐसे हालात हैं कि देश की छवि ही खराब हो रही है।

एक तरफ स्वच्छ भारत का नारा दिया जा रहा है, वहीं जगह-जगह कचरा पड़ा है। जेडीए की नियमित कॉलोनियों में सडक तक नहीं है। पहले से क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने के बजाए पानी के पाईप डालने एवं केबल के लिए खोदकर और खराब किया जा रहा है। जेडीए और नगर निगम आमजन से टैक्स वसूल रही है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है। ऐसे हालातों को रोकने के लिए संबंधित एजेन्सी या अफसर की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। आमजन को आवाज उठाने का कोई मंच नहीं मिल रहा है। इसलिए हाईकोर्ट को ही हस्तक्षेप कर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेना पड़ रहा है। मामले में हाईकोर्ट ने वकील अनंत कासलीवाल को न्यायमित्र नियुक्त करते हुए अगली सुनवाई 3० नवंबर को तय की है।

LEAVE A REPLY