जयपुर। पंतजलि के बिस्कुट में मैदा नहीं होने की कह कर मैदा का इस्तेमाल करने को लेकर जालुपुरा थाने में बाबा रामदेव सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश दीपक माहेश्वरी की एकलपीठ ने परिवादी अजमेर के एसके सिंह और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 20 मार्च तक पूछा है कि क्यों नहीं इस एफआईआर रद्द कर दें।
इस संबंध में रामकिशन यादव उर्फ बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण एवं आस्था चैनल की ओर से सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका में कहा है कि उनकी विश्वस्तर पर प्रतिष्ठा है। प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि नमूने में मैदा की मात्रा कितनी है। बिस्कुट बनाने के लिए आटे में अन्य सामग्री भी डाली जाती है। फिर भी कोई मामूली अपराध बनता है तो वह आईपीसी का नहीं होकर खाद्य सुरक्षा एक्ट का बनता है। परिवादी ने जानबूझकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए यह एफआईआर दर्ज कराई है, जिसे रद्द किया जाए।